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20 September 2019

आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा- वैश्विक जोखिम बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत

File Photo

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर शक्तिकांत दास ने व्यापार में गिरावट पर चिंता जताई है हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वैश्विक स्तर पर अभी कोई मंदी की स्थिति नहीं है। उन्होंने कहा कि वैश्विक जोखिम बढ़ने के बावजूद भारतीय अर्थव्यवस्था मजबूत स्थिति में है क्योंकि कुल कर्ज में विदेशी ऋण केवल 19.7 प्रतिशत ही है। उन्होंने यह भी दावा किया कि अगले 12 महीने तक महंगाई दर 4 प्रतिशत से नीचे रहेगी। बता दें कि अगस्त में महंगाई दर 7.67 प्रतिशत पर पहुंच गई है।

वैश्विक स्तर पर कई तरह की चुनौतियां

ब्लूमबर्ग इंडिया इकनॉमिक फोरम में दास ने गुरुवार को कहा कि वैश्विक स्तर पर कई तरह की चुनौतियां हैं इनमें व्यापार को लेकर बढ़ता तनाव शामिल है। उन्होंने कहा कि बड़े देशों के बीच व्यापार को लेकर तनाव होने से बड़ी अर्थव्यवस्थाओं पर भी उसका प्रभाव पड़ता है। दास ने कहा, वैश्विक माहौल में चुनौतियां हैं। वैश्विक स्तर पर विकास दर में कमी आ रही है और केंद्रीय बैंक अपनी मॉनिटरी पॉलिसी को आसान कर रहे हैं लेकिन अभी मंदी की स्थिति नहीं है।

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चुनौतियों के आघात से अर्थव्यवस्था को बचाने की जरूरत

आरबीआई के गवर्नर ने कहा, 'वैश्विक चुनौतियों के आघात से अर्थव्यवस्था को बचाने और संरचनात्मक सुधारों के लिए सरकार को बजट में निर्धारित खर्च को शुरू में ही करने की जरूरत है।' दास ने कहा कि आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए सुस्ती के चक्र से निपटने के उपायों में राजकोषीय गुंजाइश कम है। शक्तिकांत ने कहा कि फेडरल रिजर्व की नीतिगत दर में कटौती से देश में मनी फ्लो को गति मिलेगी लेकिन ऐसे पूंजी प्रभाव को लेकर सतर्क रहने की जरूरत है।

सऊदी में ड्रोन हमले के बाद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने की संभावनाओं पर क्या बोले दास

सऊदी अरब में ऑइल रिफाइनरी प्लांट पर हुए ड्रोन हमले के बाद देश में पेट्रोल-डीजल की कीमत बढ़ने की संभावनाएं बढ़ी हैं। अगर ऐसा होता है तो महंगाई भी बढ़ेगी। इस संबंध में पूछे गए सवाल पर दास ने कहा, 'सब्सिडी की कम मात्रा को देखते हुए सऊदी संकट का मुद्रास्फीति और राजकोषीय घाटे पर केवल सीमित प्रभाव पड़ेगा।'

इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब

भारत अपनी कच्चे तेल की जरूरत का 83 प्रतिशत आयात करता है। इराक के बाद भारत का सबसे बड़ा तेल आपूर्तिकर्ता सऊदी अरब है। वित्त वर्ष 2018-19 में सऊदी अरब ने भारत को 4.03 करोड़ टन कच्चा तेल बेचा। वित्त वर्ष के दौरान भारत का कच्चे तेल का आयात 20.73 करोड़ टन रहा।

बता दें कि कच्चे तेल के दाम में सोमवार को भारी उछाल आया। ब्रेंट कच्चा तेल 19.5 प्रतिशत बढ़कर 71.95 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया था। उसके बाद बाजार कुछ शांत हुआ है।

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TAGS: No recession, global economy, India's external sector, shows great resilience, viability, RBI Governor
OUTLOOK 20 September, 2019
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