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16 June 2019

स्विस बैंक के खाताधारकों पर बढ़ी सख्ती, 50 भारतीयों की सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज

File Photo

स्विट्जरलैंड के बैंकों में अघोषित खाते रखने वाले भारतीयों के खिलाफ शिकंजा कसना शुरू हो गया है। स्विट्जरलैंड के अधिकारी इस सिलसिले में कम से कम 50 भारतीयों की बैंक संबंधी सूचनाएं भारतीय अधिकारियों को सौंपने की प्रक्रिया में हैं। ऐसे लोगों में ज्यादातर जमीन-जायदाद , वित्तीय सेवा, प्रौद्योगिकी, दूरसंचार, पेंट, घरेलू साज-सज्जा, कपड़ा, इंजीनियरिंग सामान और रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के कारोबार से जुड़े कारोबारी और कंपनियां शामिल हैं। इनमें से कुछ डमी कंपनियां भी हो सकती हैं।

यह जानकारी दोनों देशों के बीच आपसी प्रशासनिक सहायता की प्रक्रिया में शमिल अधिकारियों ने यह जानकारी दी है। स्विट्जरलैंड की सरकार ने अपने देश की छवि को बदलने के लिए कुछ वर्षों से कई सुधार किए हैं। वह इस संबंध में समझौते के तहत विभिन्न देशों के साथ संदिग्ध व्यक्तियों संबंधी बैंकिंग सूचनाओं को साझा करने में की व्यवस्था में जुड़ गया है। स्विट्जरलैंड ने हाल में कुछ देशों के साथ सूचनाएं साझा करने की प्रक्रिया तेज कर दी है।

पिछले कुछ हफ्तों में जारी किए गए कई नाम

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स्विट्जरलैंड सरकार ने गजट के द्वारा जारी सार्वजनिक की गई जानकारियों में उपभोक्ताओं का पूरा नाम न बताकर सिर्फ नाम के शुरुआती अक्षर बताये हैं। इसके अलावा उपभोक्ता की राष्ट्रीयता और जन्म तिथि का जिक्र किया गया है। पिछले कुछ हफ्तों में फेडरल गजट में कृष्ण भगवान रामचंद्र, पोतलुरी राजामोहन राव, कल्पेश हर्षद, कुलदीप धींगड़ा, भास्करन नलिनि, ललिताबेन चिमनभाई, संजय डालमिया, पंकज कुमार साराओगी, अनिल भारद्वाज, थरानी रेनू टीकमदास, महेश टीकमदास थरानी, सवानी विजय कन्हैयालाल, भास्करन थरूर, कल्पेश भाई पटेल, अजोय कुमार, दिनेश कुमार, रतन सिंह चौधरी और कठोतिया राकेश कुमार के नाम जाहिर किए गए हैं। 

कई नामों में केवल शुरुआती अक्षर

हालांकि, स्विस बैंक के बहुत से खातों में भारतीय खाताधारकों के सिर्फ शुरुआती अक्षर हैं। इनमें एनएमए, एमएमए, पीएएस, आरएएस, एबीकेआई, एपीएस, एएसबीके, एमएलए, एडीएस, आरपीएन, एमसीएस, जेएनवी, जेडी, एडी, वाईए, डीएम, एसएलएस, यूएल, एसएस, आरएन, वीएल, यूएल, ओपीएल, पीएम, पीकेके, बीएलएस, एसकेएन और जेकेजी शामिल हैं।

स्विट्जरलैंड ने किए कई देशों के साथ समझौते

पिछले कुछ सप्ताह के दौरान भारत से संबंधित मामलों में सूचनाओं के आदान प्रदान की प्रक्रिया में अधिक तेजी आयी है। भारत में कालेधन का मामला राजनीतिक तौर पर संवेदनशील है। स्विट्जरलैंड के अधिकारियों ने मार्च से अब तक कम से कम 50 भारतीय खाताधारकों को नोटिस जारी कर उनकी सूचना भारत सरकार को देने से पहले उन्हें उसके खिलाफ अपील का एक अंतिम मौका दिया है।

स्विटजरलैंड अपने बैंकों में खाते रखने वाले ग्राहकों की गोपनीयता बनाये रखने को लेकर एक बड़े वैश्विक वित्तीय केन्द्र के रूप में जाना जाता रहा है। लेकिन कर चोरी के मामले में वैश्विक स्तर पर समझौते के बाद गोपनीयता की यह दीवार अब नहीं रही। खाताधारकों की सूचनाओं को साझा करने को लेकर भारत सरकार के साथ उसने समझौता किया है। अन्य देशों के साथ भी ऐसे समझौते किये गए हैं।

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TAGS: Swiss account holders, 50 Indians, Switzerland
OUTLOOK 16 June, 2019
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