वित्त वर्ष 2017-18 में एटीएम की संख्या 1000 तक घटी: रिजर्व बैंक
वित्त वर्ष 2017-18 में देश में एटीएम की संख्या 1,000 कम होकर 2.07 लाख पर आ गई है। रिजर्व बैंक की शुक्रवार को जारी वार्षिक रिपोर्ट में इसकी जानकारी दी गई। रिपोर्ट में कहा गया कि एटीएम की संख्या कम होने का मुख्य कारण कुछ सार्वजनिक बैंकों द्वारा अपनी शाखाओं की संख्या को तार्किक बनाना है।
इसी प्रक्रिया के बीच बैंक की शाखाओं में लगे एटीएम की संख्या इस दौरान 1.09 लाख से कम होकर 1.06 लाख पर आ गई। हालांकि इस दौरान शाखाओं से इतर लगे एटीएम की संख्या 98,545 से बढ़कर एक लाख पर पहुंच गई।
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, रिजर्व बैंक ने आलोच्य वित्त वर्ष में बैंकिंग क्षेत्र के रुझानों पर अपनी ताजा रिपोर्ट 'ट्रेंड्स ऐंड प्रोग्रेस ऑफ बैंकिंग इन 2017-18' रिपोर्ट में कहा है, 'वित्त वर्ष 2017-18 में सरकारी बैंकों के एटीएम की संख्या 1.48 लाख से कम होकर 1.45 लाख पर आ गई।' इस दौरान निजी बैंकों के एटीएम की संख्या 58,833 से बढ़कर 60,145 पर पहुंच गई।
रिपोर्ट में कहा गया कि अप्रैल 2018 से अगस्त 2018 के दौरान एटीएम की संख्या और कम होकर 2.04 लाख पर आ गई। इसमें छोटे वित्तीय बैंकों और पेमेंट बैंकों के एटीएम शामिल नहीं हैं। इसका कारण डिजिटल तरीके के इस्तेमाल में वृद्धि आना है। इस दौरान पॉइंट ऑफ सेल टर्मिनलों की संख्या में तेजी से वृद्धि दर्ज की गई।
वाइट लेवल एटीएम की संख्या भी बढ़कर 15000 के पार हो गई। वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान एकीकृत भुगतान इंटरफेस (यूपीआई) के जरिए कुल 1,090 अरब रुपये के 91.5 करोड़ लेन देन हुए। यह वित्त वर्ष 2018-19 में की पहली छमाही में बढ़कर 157.9 करोड़ लेन देन पर पहुंच गया। इस दौरान यूपीआई के जरिए 2,670 अरब रुपये का लेन-देन हुआ।