सरकार को इंटरिम डिविडेंड के तौर पर 28,000 करोड़ रुपये देगा रिजर्व बैंक
रिजर्व बैंक इंटरिम डिविडेंड यानी अंतरिम लाभांश के रूप में सरकार को 28,000 करोड़ रुपये का भुगतान करेगा। आरबीआई के इस कदम से केंद्र सरकार को राजकोषीय घाटेको काबू में रखने में मदद मिलेगी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, केंद्रीय बैंक ने सोमवार को उसके केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक के बाद यह ऐलान किया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बैंक के निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित किया। यह लगातार दूसरा साल है जब रिजर्व बैंक अंतरिम अधिशेष हस्तांतरित कर रहा है। यह अगस्त 2018 में रिजर्व बैंक द्वारा 2017-18 के लिये (आरबीआई का वित्त वर्ष जुलाई से जून होता है) घोषित 50,000 करोड़ रुपये का अधिशेष हस्तांतरित करने की घोषणा के अतिरिक्त है। इसमें से 10,000 करोड़ रुपये अंतरिम लाभांश के रूप में सरकार को 27 मार्च 2018 को दिये गये।
केन्द्रीय बैंक ने एक बयान में कहा, ‘‘सीमित आडिट तथा वर्तमान आर्थिक पूंजी रूपरेखा की समीक्षा के बाद निदेशक मंडल ने 31 दिसंबर 2018 को समाप्त छमाही के लिये अंतरिम अधिशेष के रूप में केंद्र सरकार को 28000 करोड़ रुपये हस्तांतरित करने का निर्णय किया है।’’
आरबीआई ने 2017-18 में सरकार को 30,663 करोड़ रुपये दिया था
आरबीआई ने 2017-18 में सरकार को 30,663 करोड़ रुपये लाभांश के रूप में दिया था। इससे पहले, केंद्रीय निदेशक मंडल की बैठक को संबोधित करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पिछले चार साल में सरकार द्वारा किये गये विभिन्न सुधारों और नीतिगत उपायों तथा उसके प्रभावों को रेखांकित किया।केंद्रीय बैंक आरबीआई कानून, 1934 की धारा 47 के तहत अधिशेष राशि देता है। बजट दस्तावेज के अनुसार सरकार आरबीआई, राष्ट्रीयकृत बैंकों तथा वित्तीय संस्थानों से 2019-20 के दौरान 82,911.56 करोड़ रुपये के अधिशेष / लाभांश की अपेक्षा कर रही है।
राजकोषीय घाटे को काबू में रखने में मिलेगी मदद
केंद्रीय बैंक के अधिशेष हस्तांतरण से सरकार को राजकोषीय घाटे को काबू में रखने में मदद मिलेगी। सरकार ने 2018-19 के लिये राजकोषीय घाटा थोड़ा अधिक 3.4 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।