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13 February 2023

खुदरा महंगाई जनवरी में 3 महीने के उच्च स्तर 6.52% पर, दो महीने बाद आरबीआई के संतोषजनक स्तर के पार

file photo

आम आदमी को महंगाई से राहत नहीं मिली है। लोगों पर महंगाई की मार लगातार पड़ रही है। खुदरा महंगाई जनवरी महीने में तीन महीने के उच्च स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई है। महंगाई एक बार फिर रिजर्व बैंक के संतोषजनक स्तर से ऊपर चली गई है।

उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर में 5.72 प्रतिशत और जनवरी 2022 में 6.01 प्रतिशत थी। खाद्य पदार्थों की महंगाई दर जनवरी में 5.94 प्रतिशत रही जो दिसंबर में 4.19 प्रतिशत थी। इससे पहले, खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में उच्च स्तर 6.77 प्रतिशत पर थी। जनवरी में बढ़कर 6.52 प्रतिशत हो गई।

रॉयटर्स पोल के विश्लेषकों ने जनवरी में 5.9 प्रतिशत की वार्षिक मुद्रास्फीति की भविष्यवाणी की थी। खाद्य कीमतों में नरमी के कारण पिछले दो महीनों से मुद्रास्फीति में गिरावट की प्रवृत्ति रही है लेकिन जनवरी में खाद्य कीमतों में बड़ी तेजी देखी गई। जनवरी 2023 में महंगे दूध का असर खुदरा महंगाई दर पर नजर आ रहा है। मसाले भी महंगे हुए हैं और उसी महंगाई दर 21.09 फीसदी रही है। कई जरूरी सामानों की कीमतों में नरमी और स्वस्थ रबी बुवाई के रुझान के बावजूद जनवरी में खाद्य मुद्रास्फीति में प्रतिकूल प्रभाव का असर देखने को मिला है।

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भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति ब्याज दरों को निर्धारित करने के लिए खुदरा मुद्रास्फीति संख्या को ध्यान में रखती है। इस महीने की शुरुआत में, आरबीआई ने रेपो दर को 25 आधार अंकों से बढ़ाकर 6.5 प्रतिशत कर दिया, जो 2018 के बाद सबसे अधिक है।

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OUTLOOK 13 February, 2023
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