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12 September 2019

सरकार की दोहरी मुश्किल, खुदरा महंगाई बढ़ी, औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार घटी

आर्थिक मोर्चे पर सरकार के सामने आज दोहरी चुनौती आ गई है। एक ओर जहां खाद्य वस्तुओं की कीमतें बढ़ने के कारण अगस्त में खुदरा महंगाई की दर बढ़कर 3.21 फीसदी हो गई, वहीं मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की सुस्ती के कारण औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आइआइपी) 6.5 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी पर रह गया।

खाद्य वस्तुओं की तेजी से खुदरा महंगाई 3.21 फीसदी

सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में खाद्य वस्तुओं के वर्ग में महंगाई बढ़कर 2.99 फीसदी हो गई। जबकि जुलाई में इनकी महंगाई 2.36 फीसदी रही थी। सांख्यिकीय एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा जारी खुदरा महंगाई सूचकांक के आंकड़ों के मुताबिक खाद्य वस्तुओं की तेजी से कुल खुदरा महंगाई 3.21 फीसदी हो गई जबकि जुलाई में खुदरा महंगाई 3.15 फीसदी थी। पिछले साल अगस्त में खुदरा महंगाई 3.69 फीसदी पर थी।

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आंकड़ा अभी भी आरबीआइ के लक्ष्य के भीतर

खुदरा महंगाई अभी भी भारतीय रिजर्व बैंक के तय लक्ष्य चार फीसदी से कम है। सरकार द्वारा निर्धारित चार फीसदी खुदरा महंगाई दर बनाए रखने के हिसाब से ही आरबीआइ हर दो महीने मे अपनी मौद्रिक नीति तय करता है। खुदरा महंगाई चार फीसदी से कम रहने का आशय है कि रेपो रेट तय करते समय आरबीआइ पर महंगाई पर अंकुश लगाने का कोई दबाव नहीं होगा।

आइआइपी 6.5 फीसदी से घटकर 4.3 फीसदी

दूसरी ओर, औद्योगिक उत्पादन सूचकांक जुलाई में घटकर में 4.3 फीसदी रह गया। पिछले साल जुलाई में इसका आंकड़ा 6.5 फीसदी पर था। कुल औद्योगिक उत्पादन के प्रमुख घटक मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर 4.2 फीसदी रही जबकि पिछले साल जुलाई में इसका आंकड़ा सात फीसदी पर था। बिजली क्षेत्र में वृद्धि दर 6.6 फीसदी से घटकर 4.8 फीसदी पर रह गया। हालांकि माइनिंग क्षेत्र में वृद्धि दर 3.4 फीसदी से सुधरकर 4.9 फीसदी हो गई।

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TAGS: Retail inflation, food price, IIP, industrial output, manufacturing
OUTLOOK 12 September, 2019
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