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12 October 2018

सितंबर में खुदरा महंगाई दर बढ़कर 3.77 प्रतिशत, अगस्त की आईआईपी 4.3 फीसदी

खुदरा महंगाई दर सितंबर में बढ़कर 3.77 प्रतिशत हो गई है, जो अगस्त में 3.69 प्रतिशत थी। यह आंकड़े सांख्यिकी मंत्रालय की ओर से जारी किए गए हैं। बताया जा रहा है कि तेल, खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने और रुपये के डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर होने की वजह से खुदरा मुद्रास्फिति में यह परिवर्तन आया है।

साथ ही उपभोक्ता खाद्य पदार्थ मूल्य सूचकांक (सीएफपीआई) अगस्त के 0.29 फीसदी के मुकाबले बढ़कर सितंबर में 0.51 फीसदी हो गया।

एक अन्य आंकड़ों में बताया गया है कि अगस्त में इंडस्ट्रियल आउटपुट (आईआईपी) 4.3 प्रतिशत तक बढ़ा, जो पिछले साल इसी महीने में 4.8 प्रतिशत तक बढ़ा था।

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वहीं आईआईपी की ग्रोथ की बात करें तो यह मई से अब तक की सबसे कम ग्रोथ है, मई में आईआईपी ग्रोथ 3.9 प्रतिशत थी। फैक्ट्री ग्रोथ जून में 6.8 प्रतिशत तक बढ़ा और जुलाई में 6.5 प्रतिशत तक बढ़ा। आरबीआई ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था, जबकि जानकारों को इसके बढ़ने की उम्मीद थी।

इन सूचकांकों के आधार पर तय होती है महंगाई

-उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई), जो रिटेल महंगाई का इंडेक्स है। रिटेल महंगाई वह दर है, जो जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करती है। यह खुदरा कीमतों के आधार पर तय की जाती है। भारत में खुदरा महंगाई दर में खाद्य पदार्थों की हिस्सेदारी करीब 45% है। दुनिया भर में ज्यादातर देशों में खुदरा महंगाई के आधार पर ही मौद्रिक नीतियां बनाई जाती हैं।

-थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई), जो थोक महंगाई का इंडेक्स है। डब्ल्यूपीआई में शामिल वस्तुएं अलग-अलग वर्गों में बांटी जाती हैं। थोक बाजार में इन वस्तुओं के समूह की कीमतों में हर बढ़ोतरी का आंकलन थोक मूल्य सूचकांक के जरिए होता है। इसकी गणना प्राथमिक वस्तुओं, ईंधन और अन्य उत्पादों की महंगाई में बदलाव के आधार पर की जाती है।

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TAGS: September 2018, Consumer Price Index (CPI), 3.77%., Industrial Production (IIP), 4.3%, August 2018.
OUTLOOK 12 October, 2018
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