स्नैपडील का फ्लिपकार्ट में नहीं होगा विलय
घरेलू ई-कॉमर्स कंपनी स्नैपडील ने फ्लिपकार्ट द्वारा 95 करोड़ डालर के प्रस्तावित अधिग्रहण को लेकर जारी बातचीत खत्म कर दी है और इस तरह देश के ई-कामर्स ब्लॉक में अब तक के सबसे बड़े सौदे की संभावना खत्म हो गई है। बता दें कि संकट में फंसी स्नैपडील के अधिग्रहण को लेकर फ्लिपकार्ट से बातचीत मार्च में शुरू हुई थी, जो सोमवार को बिना किसी परिणाम के ही खत्म हो गई।
स्नैपडील के प्रवक्ता ने फ्लिपकार्ट का नाम लिए बिना कहा, "स्नैपडील पिछले कई महीनों से रणनीतिक विकल्पों की तलाश कर रहा था , लेकिन अब कंपनी ने स्वतंत्र तरीके से रास्ते पर आगे बढ़ने का निर्णय लिया है। इसके परिणामस्वरूप हम रणनीतिक सौदे संबंधी सभी वार्ताओं को खत्म कर रहे हैं।" प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी अब अपनी नई रणनीति पर आगे बढ़ाएगी और इससे कंपनी को वित्तीय रूप से आत्मनिर्भर होने की उम्मीद है।
प्रवक्ता ने आगे कहा कि यह मजबूती के साथ स्नैपडील-2 की दिशा में काम करेगी और हमने इस महीने मुनाफा हासिल कर इसे आगे बढ़ाने की दिशा में कामयाबी हासिल की है। बयान के मुताबिक, ' 'इसके अलावा कुछ गैर-महत्वपूर्ण संपत्ति को बेचकर ऐसी उम्मीद है कि स्नैपडील फाइनेंशियल तौर पर आत्मनिर्भर कंपनी बन जाएगी।
स्नैपडील में 35 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाली जापान की दिग्गज कंपनी साफ्टबैंक ने स्नैपडील और फ्लिपकार्ट की बातचीत भंग होने के बाद कहा कि वह उद्यमियों तथा उनके दृष्टिकोण का समर्थन करती है। साफ्टबैंक के एक प्रवक्ता ने कहा, हम स्वतंत्र रास्ता अपनाने के फैसले का सम्मान करते हैं। हमारा स्नैपडील-2 रणनीतिक के परिणाम को लेकर नजरिया सकारात्मक है।
कंपनी के सूत्रों के मुताबिक, सौदे की जटिलता के कारण बातचीत समाप्त हुई। सौदे में क्षतिपूर्ति से लेकर गैर-प्रतिस्पर्धी उपबंध के साथ काफी शर्तें थी। सूत्रों ने बताया कि गुरूग्राम की आनलाइल खुदरा बाजार कंपनी स्नैपडील इन शर्तों के पक्ष में नहीं थी।
स्नैपडील एक समय भारत में ई-कामर्स स्पेस की प्रमुख कंपनी थी लेकिन प्रतिद्वंद्वी कंपनी अमेजन और फ्लिपकार्ट से कड़ी प्रतिस्पर्धा से उसका नकारात्मक प्रभाव पड़ा. देश के उभरते ई-कामर्स सेक्टर में अमेरिका की अमेजन और घरेलू कंपनी फ्लिपकार्ट के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है।