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21 October 2016

बैंकों के लिए एनपीए के खिलाफ प्रभावी कार्रवाई का मंच सज गया है : जेटली

 जेटली ने इसके साथ ही भ्रष्टाचार रोधक कानून 1988 में बदलाव की भी वकालत की जिसमें फैसलों में भ्रष्टाचार और गलती के बीच भेद किया जा सकेगा। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को एनपीए के निपटान में राहत मिलेगी। गैर निष्पादित आस्तियों के संदर्भ में जेटली ने कहा, जहां तक भारतीय अर्थव्यवस्था का सवाल है, तो उसके समक्ष अगली बड़ी चुनौती एनपीए की है। अब हम ऐसे चरण में पहुंच चुके हैं जब विधायी और नीति दोनों तरह के मामलों में कई प्रभावी कदम उठाए गए हैं। उन्होंने कहा कि बैंकों को अब अर्थव्यवस्था के वृहद हित में अपने अधिकारों का इस्तेमाल करना होगा, क्योंकि यदि एक खास वर्ग के पास पैसा पड़ा है और वह ब्लॉक है, तो ऐसे में दूसरों को रिण देने की आपकी क्षमता प्रभावित होगी।

सरकारी आडिटर कैग द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जेटली ने कहा, जहां तक कुछ क्षेत्रों के संदर्भ में नीति संबंध का सवाल है वह किया जा चुका है, कानूनों तथा रिजर्व बैंक के दिशा-निर्देशों के जरिये बैंकों को अधिकार  सम्पन्न बना दिया गया है, लोगों को सुधरने और मामलों को निपटाने के लिए खूब मौका भी दिया जा चुका है। उन्होंने कहा कि अब बैंकों के लिए कुछ मामलों में कारगर कार्रवाई करने का मंच सज चुका है ताकि लोगों को यह समझ में आए कि आप जनता का पैसा अपने पास अनिश्चित काल तक रोककर नहीं रख सकते क्योंकि बैंक का पैसा भी अंतत: जनता का ही पैसा होता है।

वित्त वर्ष 2015-16 में बैंकों की सकल गैर निष्पादित आस्तियां (एनपीए) बढ़कर कुल रिण का 9.32 प्रतिशत या 4.76 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गईं। 2014-15 में यह 5.43 प्रतिशत या 2.67 लाख करोड़ रुपये थीं। सरकारी बैंकों द्वारा एनपीए के निपटान में भ्रष्टाचार रोधक कानून की अड़चन का जिक्र करते हुए वित्त मंत्री ने कहा, उदारीकृत व्यवस्था में अब समय आ गया है जबकि आप देख रहे हैं कि सरकार, सरकारी अधिकारी महत्वपूर्ण व्यावसायिक फैसले ले रहे हैं। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियां और बैंक महत्वपूर्ण कारपोरेट और वाणिज्यिक फैसले ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि मौजूदा एनपीए के निपटान में कानून की यह समस्या है जो कि विभिन्न सरकारी अधिकारियों के समक्ष चुनौतियां पैदा कर रही है। जेटली ने कहा, निजी क्षेत्र के बैंक के पास अपने एनपीए का निपटान करने की आजादी है...वहीं सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक भ्रष्टाचार रोधक कानून 1988 के प्रावधानों की वजह से अड़चन झेल रहे हैं।

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TAGS: Bank, action, NPAs, Arun Jaitley
OUTLOOK 21 October, 2016
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