आम जनता को बड़ी राहत: थोक महंगाई दिसंबर में घटकर 4.95% हुई, खाद्य वस्तुओं की कीमतों में गिरावट का असर
थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) पर आधारित मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में घटकर 4.95 प्रतिशत पर आ गई। मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों और कच्चे तेल की कीमतों में कमी के चलते यह गिरावट हुई। भारत की थोक मूल्य मुद्रास्फीति नवंबर के 5.85% से घटकर दिसंबर 2022 में 4.95% हो गई, इसका मुख्य कारण खाद्य वस्तुओं और कच्चे पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में गिरावट है।
बता दें कि थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 5.85% और एक साल पहले दिसंबर 2021 में 14.27% थी।
दिसंबर 2022 के दौरान खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति (-)1.25% रही, जबकि ईंधन और बिजली के मामले में यह 18.09% रही। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि महीने के दौरान निर्माण क्षेत्र के उत्पादों में मुद्रास्फीति 3.37% दर्ज की गई।
आंकड़ों के अनुसार दिसंबर 2022 में मुद्रास्फीति की दर में गिरावट मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खनिज तेलों, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खाद्य उत्पादों, वस्त्रों और रासायनिक उत्पादों की की कीमतों में नरमी के कारण दर्ज की गई।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने दिसंबर 2022 में लोकसभा को आश्वासन दिया था कि केंद्र सरकार मुद्रास्फीति को कम करने के लिए उपाय करेगी। खुदरा मुद्रास्फीति दिसंबर 2022 में घटकर 5.72% हो गई थी। दस महीने लगातार ऊपर रहने के बाद यह दूसरे महीने केंद्रीय बैंक की सहिष्णुता सीमा 6% से नीचे रही। इस बीच, ग्रामीण मुद्रास्फीति नवंबर 2022 में 6.09% से मामूली रूप से कम होकर दिसंबर में 6.05% हो गई।