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26 September 2018

सरकार ने 19 वस्तुओं पर बढ़ायी इम्पोर्ट ड्यूटी, एसी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन होंगे महंगे

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केंद्र सरकार ने आज यानी बुधवार को 19 लग्जरी वस्तुओं पर बेसिक आयात शुल्क (इम्पोर्ट ड्यूटी) बढ़ा दिया है। इस दायरे में आने वाली वस्तुओं में जेट ईंधन, एयरकंडीशनर व रेफ्रिजरेटर जैसी वस्तुएं शामिल हैं। सरकार ने यह कदम गैरजरूरी वस्तुओं के आयात को रोकने के लिए उठाया है। नई दरें 26-27 सितंबर की रात 12 बजे से लागू होंगी।

ये चीजें आएंगी दायरे में

वित्त मंत्रालय ने बयान में कहा कि बीते वित्त वर्ष में इन उत्पादों का कुल आयात बिल 86,000 करोड़ रुपये रहा था। जिन अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क बढ़ाया गया हैं उनमें वॉशिंग मशीन, स्पीकर, रेडियल कार टायर, आभूषण उत्पाद, किचन और टेबलवेयर, कुछ प्लास्टिक का सामान तथा सूटकेस शामिल हैं। एसी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन (10 किलो से कम) पर आयात शुल्क दोगुना कर 20 प्रतिशत कर दिया गया है। इन चीजों की आयात वैल्यू 2017-18 में लगभग 86,000 करोड़ रुपए थी।

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चालू खाता घाटे (कैड) को नियंत्रण में रखने के लिए उठाया गया कदम

वित्त मंत्रालय ने कहा, 'केंद्र सरकार ने मूल सीमा शुल्क बढ़ाया है। इसके पीछे उद्देश्य कुछ आयातित वस्तुओं का आयात घटाना है। इन बदलावों से चालू खाता घाटे (करेंट अकांउट डेफिसिट) को सीमित रखने में मदद मिलेगी।'

क्या होता है चालू खाता घाटा (CAD)

विदेशी मुद्रा के अंत: प्रवाह और बाह्य प्रवाह का अंतर चालू खाता घाटा या करेंट अकांउट डेफिसिट (CAD) कहलाता है। चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में कैड बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 2.4 प्रतिशत पर पहुंच गया है। गैर आवश्यक आयात को रोकना सरकार द्वारा घोषित किए गए पांच चरण वाले कदमों का हिस्सा था, जो मौजूदा खाता घाटे और पूंजी प्रवाह को बढ़ाने की जांच करता है।

रुपये में आ रही गिरावट है वजह

डॉलर के मुकाबले रुपए में लगातार आ रही गिरावट की वजह से संभावना जताई जा रही थी कि भारत सरकार चालू खाता घाटे को नियंत्रण में रखने के लिए ऐसा कदम उठा सकती है।


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TAGS: The Central Government, customs duty, current account deficit, cad
OUTLOOK 26 September, 2018
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