GST से आज बड़ी राहत संभव, 200 से अधिक वस्तुओं के दाम हो सकते हैं कम
शुक्रवार यानी आज देशभर के लाखों व्यापारियों और मध्यम वर्ग के करोड़ों परिवारों को जीएसटी में राहत की नई सौगात मिल सकती है। आज जीएसटी में बड़ा बदलाव हो सकता है। इस बदलाव के बाद 200 से अधिक वस्तुओं के दाम कम हो सकते हैं। इन चीजों में दैनिक इस्तेमाल की वस्तुएं, प्लास्टिक और लकड़ी के सामान शामिल हैं।
गुवाहाटी में आज वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में होने वाली जीएसटी काउंसिल की बैठक में 200 से अधिक चीजों पर जीएसटी की दर 28 प्रतिशत से घटाकर 18 प्रतिशत की जा सकती है। वहीं, आज काउंसिल रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की दिशा में भी कदम उठा सकती है।
ये सामान हो सकते हैं सस्ते
- एसी रेस्टोरेंट में खाना
- सैनेटरी के सामान
- वॉलपेपर
- स्टेशनरी
- घड़ियां
- खेल का सामान
आज जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) परिषद अपनी बैठक में दैनिक उपयोग के कई मदों सहित विभिन्न वस्तुओं पर दरें कम करने के संबंध में विचार करेगी।
रियल एस्टेट आ सकता है जीएसटी के दायरे में
काउंसिल के कुछ सदस्यों ने रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने की मांग उठाई थी, जिसके बाद इस बारे में विचार किया जा रहा है। फिलहाल जमीन की बिक्री पर राज्य सरकारें स्टांप शुल्क लगाती हैं। स्टांप शुल्क की दर भी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग है। कुछ राज्यों में तो यह 8 प्रतिशत तक है। नीति आयोग ने अपने त्रिवर्षीय एक्शन एजेंडा में भी स्टांप ड्यूटी घटाने की वकालत की है। इसके अलावा मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने भी कहा है कि अगर जमीन और रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में नहीं लाया गया तो काले धन का सृजन नहीं रुकेगा।
बता दें कि काउंसिल व्यापारियों को राहत देने के लिए हेमंत विश्व शर्मा समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर सकती है। समिति ने रेस्टोरेंट में खाने पर जीएसटी की दर 18 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने और कंपोजीशन स्कीम को और आकर्षक बनाने की सिफारिश की है।
समिति ने कंपोजीशन स्कीम की सीमा एक करोड़ रुपये से बढ़ाकर डेढ़ करोड़ करने और यह विकल्प चुनने वाले व्यापारियों, मैन्यूफैक्चरिंग इकाइयों और रेस्टोरेंट पर एक प्रतिशत जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। फिलहाल कंपोजीशन स्कीम में एक प्रतिशत से पांच प्रतिशत तक जीएसटी लगता है। समिति ने जीएसटी अनुपालन की प्रक्रिया को आसान बनाने तथा पेनाल्टी 200 रुपये प्रतिदिन से घटाकर 50 रुपये प्रतिदिन करने की सिफारिश भी की है।