गूगल के निवेश से वोडाफोन-आइडिया को मिलेगी राहत, आगे और निवेश जुटाने में मिलेगी मदद
भारी-भरकम कर्ज से जूझ रही वोडाफोन-आइडिया लिमिटेड के लिए अमेरिकी टेक्नोलॉजी कंपनी गूगल द्वारा पांच फीसदी हिस्सेदारी खरीदने की खबर काफी राहत भरी हो सकती है। इक्विटी बेचने से मिलने वाली रकम वोडाफोन-आइडिया पर कर्ज की तुलना में बहुत कम होगी, लेकिन माना जा रहा है कि गूगल के आने के बाद दूसरी कंपनियां भी निवेश के लिए आगे आ सकती हैं। चर्चा है कि वोडाफोन-आइडिया प्राइवेट इक्विटी फर्मों से भी निवेश के लिए बात कर रही है। इससे न सिर्फ वोडाफोन-आइडिया को कर्ज घटाने में मदद मिलेगी, बल्कि भारतीय बाजार में नए सिरे से खड़ा होने की ताकत भी मिलेगी। अगस्त 2018 में विलय के बाद वोडाफोन-आइडिया ग्राहक संख्या के लिहाज से भारत की सबसे बड़ी टेलीकॉम कंपनी थी, लेकिन अब यह रिलायंस जियो और एयरटेल के बाद तीसरे नंबर पर पहुंच गई है।
आइडिया पर 1.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज
फाइनेंशियल टाइम्स अखबार ने गुरुवार को खबर प्रकाशित की थी कि गूगल, वोडाफोन-आइडिया में पांच फीसदी शेयर हिस्सेदारी खरीद सकती है। हालांकि अभी तक गूगल या वोडाफोन-आइडिया में से किसी ने इस खबर की पुष्टि नहीं की है। मार्च तिमाही में गूगल के पास करीब 8.7 लाख करोड़ रुपये की नकदी थी। वोडाफोन-आइडिया पर 1.03 लाख करोड़ रुपये का कर्ज है। इसके अलावा एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू (एजीआर) के भी इसे 45,000 करोड़ रुपये चुकाने हैं।
गूगल का निवेश आइडिया के कर्ज के एक फीसदी से भी कम
वित्तीय और ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस का कहना है कि प्रमोटर की तरफ से बड़ी मात्रा में निवेश अथवा गूगल या किसी बाहरी निवेशक की तरफ से बहुमत हिस्सेदारी खरीद कर ही वोडाफोन-आइडिया की समस्या सुलझाई जा सकती है। सिर्फ पांच फीसदी निवेश से कंपनी की समस्याएं कम नहीं होंगी। गोल्डमैन साक्स का अनुमान है कि वोडाफोन-आइडिया के मौजूदा मार्केट कैप के आधार पर पांच फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी से दस करोड़ डॉलर ही मिलेंगे। यह दिसंबर 2019 में कंपनी की 14 अरब डॉलर की शुद्ध देनदारी के मुकाबले एक फीसदी भी नहीं है। लेकिन गूगल के निवेश के बाद वोडाफोन-आइडिया को भविष्य में पूंजी जुटाने में मदद अवश्य मिलेगी। हालांकि यह भी तय है कि वोडाफोन-आइडिया गूगल को हिस्सेदारी मौजूदा शेयर भाव के ऊपर कुछ प्रीमियम पर ही बेचेगी। गौरतलब है कि साल भर में कंपनी के शेयर भाव में 55 फीसदी से ज्यादा गिरावट आई है।
इससे पहले फेसबुक ने पिछले महीने जियो प्लेटफॉर्म्स में 5.7 अरब डॉलर (42,750 करोड़ रुपये) निवेश की घोषणा की थी। अगर गूगल वोडाफोन-आइडिया में निवेश करती है तो दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते टेलीकॉम बाजार, भारत में गूगल और फेसबुक, दोनों अमेरिकी कंपनियां आमने-सामने होंगी।
दिसंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 6,453 करोड़ का घाटा
सितंबर 2016 में रिलायंस जियो इन्फोकॉम के उतरने के बाद भारतीय टेलीकॉम बाजार में प्रतिस्पर्धा काफी बढ़ी और कॉल और डाटा दरें काफी नीचे आ गईं। इससे कंपनियों को तिमाही दर तिमाही घाटा होने लगा। दिसंबर तिमाही में वोडाफोन-आइडिया को 11,089 करोड़ रुपये के रेवेन्यू पर 6,453 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था। कंपनी ने जनवरी-मार्च 2020 तिमाही के नतीजे अभी जारी नहीं किए हैं।
शेयर 34 फीसदी चढ़ने के बाद 12.93 फीसदी बढ़त के साथ बंद
हिस्सेदारी खरीदे जाने की खबर से वोडाफोन-आइडिया के शेयर शुक्रवार को 34 फीसदी तक बढ़ गए। हालांकि बाद में एनएसई में शेयर 12.93 फीसदी बढ़त के साथ 6.55 रुपये पर बंद हुए। इसका मार्केट कैप 18,900 करोड़ रुपये था। दूसरी तरफ अमेरिकी एक्सचेंज नास्डैक में लिस्टेड गूगल की पेरेंट कंपनी अल्फाबेट का मार्केट कैप 72 लाख करोड़ रुपये है।