कोरोना से निपटने को भारत को वर्ल्ड बैंक से एक अरब डॉलर का इमरजेंसी फंड
विश्व बैंक ने कोरोना वायरस के संकट से निपटने के लिए भारत के लिए एक अरब डॉलर के इमरजेंसी फंड को मंजूरी दी है। भारत में अभी तक 53 लोगों की मौत हो चुकी है और 2069 लोग संक्रमित हुए हैं।
दक्षिण एशिया के इन देशों को मदद
विश्व बैंक 25 देशों को 1.9 अरब डॉलर की कुल मदद देगा। इसमें सबसे ज्यादा पैसा यानी एक अरब डॉलर भारत को मिलेगा। कोविड-19 से निपटने के लिए दुनिया भर में चल रहे प्रयासों को मदद देने के लिए विश्व बैंक ने पहली बार यह कदम उठाया है। बैंक के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टरों की बैठक के बाद यह फैसला किया गया। दक्षिण एशिया में पाकिस्तान को 20 करोड़ डॉलर, अफगानिस्तान को 10 करोड़ डॉलर, मालदीव को 73 लाख डॉलर और श्रीलंका को 12.8 करोड़ डॉलर मिलेंगे।
एडीबी ने विकास दर अनुमान घटाकर 4 फीसदी किया
इस बीच, एशियन डवलपमेंट बैंक ने नए वित्त वर्ष 2020-21 के दौरान भारत की आर्थिक विकास दर का अनुमान घटा दिया है। उसका कहना है कि भारत की आर्थिक विकास दर फीसदी रहेगी। उसका कहना है कि भारत की आर्थिक विकास दर कोरोना संकट का व्यापक असर पड़ेगा।
जनजीवन और कारोबार प्रभावित
पूरी दुनिया इस समय गंभीर चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है। वर्ष 2018-19 में भारत की विकास दर 6.1 फीसदी थी। इसके बाद भारी गिरावट आने के साथ ही रफ्तार 5 फीसदी रह गई। एडीबी के प्रेसीडेंट मसात्सुगु असाकावा ने कहा कि कोरोना वायरस से न सिर्फ आम लोगों का जनजीवन बल्कि कारोबार और अन्य आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही हैं।
कोरोना का सीमित असर होने पर भारत पर आर्थिक प्रभाव
एडीबी ने यह भी कहा है कि भारत में अभी तक कोरोना वायरस का संक्रमण बहुत ज्यादा व्यापक नहीं है। लेकिन इससे आर्थिक प्रभाव पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। पूरी दुनिया में कोरोना का व्यापक असर होने के कारण आर्थिक गतिविधियां प्रभावित हो रही है। इससे भारत की विकास दर पर असर पड़ना तय है।
कोरोना से लड़ने में सहयोग का प्रस्ताव पारित
संयुक्त राष्ट्र आम सभा में एक प्रस्ताव आम सहमति से पारित किया गया। भारत सहित यूएन के सभी 188 सदस्य देशों से समर्थित प्रस्ताव में कहा गया है कि कोरोना से लड़ने के लिए आपसी सहयोग और एकजुटता जरूरी है। सभी देश मिलकर आपस में सहयोग करके कोरोना का सफलतापूर्वक मुकाबला करेंगे।