लॉकडाउन का असर थोक महंगाई पर दिखा, खाद्य वस्तुएं छोड़कर कीमतों में गिरावट
बीते मई के दौरान थोक फ्यूल और पावर की कीमतों में भारी गिरावट के कारण थोक कीमतों में 3.21 फीसदी की गिरावट आई है। हालांकि खाद्य वस्तुओं की कीमत में तेजी का रुख बरकरार रहा है। थोक मूल्य सूचकांक में पिछले साल मई में 2.79 फीसदी वृद्धि दर्ज की गई थी।
फ्यूल 20 फीसदी सस्ता, पर खाद्य वस्तुएं मंहगी
वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के एक बयान के अनुसार बीते मई में थोक मूल्य सूचकांक में 3.21 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके विपरीत पिछले साल मई में इसमें 2.79 फीसदी की वृद्धि रही थी। इस साल मई में खाद्य वस्तुओं की महंगाई 1.13 फीसदी रही जबकि पिछले साल अप्रैल में 2.55 फीसदी दर्ज की गई थी। जबकि फ्यूल एंड पावर बास्केट में मई में कीमतें 19.83 फीसदी घट गई जबकि अप्रैल में इसमें 10.12 फीसदी की गिरावट आई थी। मैन्यूफैक्चर्ड प्रोडक्ट में 0.42 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
लॉकडाउन के बाद महंगाई से राहत
पिछले 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन लागू किए जाने के बाद मंत्रालय ने अप्रैल में गिरावट के आंकड़े जारी किए थे। अप्रैल में फूड, प्राइमरी वस्तुओं और फ्यूर एंड पावर में महंगाई घटने के आंकड़े पेश किए गए थे। हालांकि मंत्रालय ने अपने फील्ड कार्यालयों को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से मूल्य संबंधी आंकड़े जुटाने का सुझाव दिया है। अभी मई के अस्थायी आंकड़े जारी किए गए हैं, अगले महीने अंतिम आंकड़े जारी होंगे। मंत्रालय ने कहा कि मूल्य संबंधी आंकड़े देश भर के चयनित संस्थागत स्रोतों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों से ऑनलाइन वेब पोर्ट के जरिए जुटाए जाते हैं।
अस्थायी और अंतिम आंकड़ों में अंतर
मंत्रालय ने कहा कि थोक मूल्य सूचकांक के मार्च के अंतिम आंकड़ों के अनुसार थोक महंगाई 0.42 फीसदी रही थी जबकि पिछले 14 मई अप्रैल को जारी अस्थायी आंकड़ों के मुताबिक थोक महंगाई एक फीसदी रही थी।