महंगाई दर चार महीने के उच्चतम स्तर पर, अर्थव्यवस्था के लिए बुरा संकेत
अगस्त महीने में खुदरा मुद्रास्फीति की दर बढ़कर चार महीने के उच्चस्तर 3.24 प्रतिशत पर पहुंच गई है। थोक मूल्य सूचकांक (डब्लूपीआई) के आधार पर मुद्रास्फीति जुलाई 2017 में 1.88 प्रतिशत और अगस्त 2016 में 1.0 9 प्रतिशत थी।
सब्जियों और फलों के भाव बढ़ने के चलते खुदरा महंगाई दर बढ़ी है। सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त में खाद्य वस्तुओं की कीमतों में 5.75 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जो जुलाई में 2.15 फीसदी थी। अगस्त में सब्जियों की कीमतों में 44.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि जुलाई में यह 21.95 प्रतिशत थी।
अगस्त में प्याज की कीमतों में 88.46 प्रतिशत की तेजी आई, जबकि पिछले महीने 9.50 प्रतिशत की गिरावट आई थी। पिछले उच्च स्तर की मुद्रास्फीति अप्रैल में देखी गई, जब मूल्य वृद्धि की दर 3.85 प्रतिशत थी। इसके अलावा जुलाई में औद्योगिक उत्पादन में सिर्फ 1.2 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जो एक साल पहले 4.5 फीसदी थी।
ईंधन और बिजली के सेक्टर में भी अगस्त में महंगाई बढ़ी है। इनकी थोक महंगाई दर अगस्त में 9.99 फीसदी रही, जो कि जुलाई में 4.37 फीसदी पर थी। पेट्रोल के थोक दाम बढ़े हैं। पेट्रोल के थोक दामों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। पेट्रोल की महंगाई अगस्त में 24.55 फीसदी रही। जुलाई में यह 9.60 फीसदी थी।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक आरबीआई ने कहा कि वह खुदरा मुद्रास्फीति को 4 फीसदी के करीब रखने का प्रयास करेंगे, लेकिन निकट अवधि में, वेतन के भुगतान और 1 जुलाई से जीएसटी रोलआउट के बाद कीमत समायोजन के कारण ये कुछ बढ़ सकते हैं।