Advertisement
16 March 2020

यस बैंक मनी लॉन्ड्रिंग मामले में अनिल अंबानी को ईडी का समन, 19 मार्च को किया तलब

FILE PHOTO

संकट में फंसे निजी क्षेत्र के यस बैंक के संस्थापक राणा कपूर और अन्य के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने रिलायंस समूह के चेयरमैन अनिल अंबानी को तलब किया है। ईडी ने पहले अनिल अंबानी को 16 मार्च को पेश होने का समन जारी किया था, लेकिन आज वे पेश नहीं हुए। 60 वर्षीय अंबानी ने कुछ निजी आधार पर पेश होने से छूट मांगी थी जिस पर ईडी ने अब उन्हें 19 मार्च को उपस्थित होने के लिए कहा है। मालूम हो कि रिलायंस समूह की कंपनियों ने बैंक से करीब 12,800 करोड़ रुपये कर्ज लिया था, जो एनपीए हो गया है।

बता दें कि संकटग्रस्त यस बैंक ने दिसंबर, 2019 में समाप्त हुई तिमाही में उसे 18,564 करोड़ रुपये का घाटा होने की शनिवार को जानकारी दी। निजी क्षेत्र के इस बैंक का संचालन फिलहाल भारतीय रिजर्व बैंक के आदेश पर प्रशांत कुमार कर रहे हैं। बैंक ने पिछले साल इसी अवधि में 1,000 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था और सितंबर में समाप्त हुई तिमाही में 629 करोड़ रुपये का घाटा हुआ था।

यस बैंक की गैर-निस्पादित परिसंपत्तियां (एनपीए) दिसंबर तिमाही में 18.87 प्रतिशत हो गई हैं जो पिछली तिमाही (सितंबर) में 7.39 प्रतिशत थीं। साथ ही बैंक के पास अनिवार्य रूप से रखी जाने वाली नकदी में भी गिरावट आई है।  

Advertisement

इन समूहों ने यस बैंक से लिया था कर्ज

बता दें कि अनिल अंबानी ने नेतृत्व वाली कंपनी रिलायंस ग्रुप ने यस बैंक से भारी भरकम कर्ज लिया है। रिलायंस ग्रुप की नौ कंपनियों ने यस बैंक से 12800 करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। कंपनी की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया है कि यस बैंक का कर्ज उनके पास पूरी तरह से सुरक्षित है और वो बैंक का सारा पैसा चुका देंगे। रिलायंस समूह ने कहा है कि वो अपनी संपत्तियां बेचकर यस बैंक के कर्ज का भुगतान करने के लिए प्रतिबंद्ध है। ईडी ने कहा है कि एजेंसी यस बैंक के सभी बड़े कर्जदारों से पूछताछ करेगी, जिन्होंने राणा कपूर के कार्यकाल के दौरान लोन लिया है।

रिलायंस ग्रुप ने कहा है कि यस बैंक के पूर्व सीईओ राणा कपूर, उनकी पत्नी या बेटियां या उनके परिवार की ओर से चलाई जा रही कंपनियों से उनका कोई संपर्क नहीं रहा है। बता दें कि देश के कुल 10 बड़े कारोबारी घरानों की 44 कंपनियों पर यस बैंक का 34,000 करोड़ रुपये का कर्ज बकाया है, जो बैंक को वित्तीय संकट में डालने की सबसे बड़ी वजह है।

18 मार्च को हट जाएगी यस बैंक पर लगाई रोक

बता दें कि यस बैंक पर रिजर्व बैंक की ओर से लगाई गई रोक 18 मार्च को हट जाएगी। सरकार ने शनिवार को अधिसूचना जारी की है। सरकार ने जानकारी देते हुए कहा था कि मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक प्रशांत कुमार की अगुवाई वाला निदेशक मंडल इस महीने के अंत तक पदभार संभाल लेगा।

सरकार ने शुक्रवार को देर शाम यस बैंक पुनर्गठन योजना 2020 को अधिसूचित किया था। योजना के तहत एसबीआई तीन साल तक यस बैंक में अपनी हिस्सेदारी को 26 प्रतिशत से कम नहीं कर सकेगा। वहीं, अन्य निवेशक और मौजूदा शेयरधारकों को यस बैंक में अपने 75 प्रतिशत निवेश को तीन साल तक कायम रखना होगा। हालांकि, 100 से कम शेयरधारकों के लिए इस तरह की कोई रोक या लॉक इन की अवधि नहीं होगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: Yes Bank, ED summons, Anil Ambani, money laundering case
OUTLOOK 16 March, 2020
Advertisement