पीएमसी बैंक घोटाला में फंसे एचडीआईएल के प्रमोटरों ने अपनी संपत्तियां बेचने का किया अनुरोध
रियल एस्टेट समूह एचडीआईएल के प्रमोटरों राकेश और सारंग वधावन ने आरबीआई और जांच एजेंसियों से पीएमसी बैंक का बकाया चुकाने के लिए अपनी संपत्तियां बेचने का अनुरोध किया है। ये दोनों पीएमसी बैंक घोटाले में मुख्य आरोपी हैं।
वधावन पिता-पुत्र के प्रवक्ता ने एक पत्र जारी किया है। गिरफ्तार किए गए पिता-पुत्र के हस्ताक्षर वाले पत्र में कहा गया है, ‘‘हम प्राथमिकी में लगाए आरोपों को खारिज करते हुए आपसे अपनी कुछ संपत्तियों को बेचने और इसे संबंधित कंपनियों द्वारा लिए कर्ज के रूप में चुकाने के वास्ते फौरन कदम उठाने का अनुरोध करते हैं।’’
उन्होंने आगे कहा कि इन मूल्यह्रास योग्य संपत्तियों के मुद्रीकरण के लिए इस तरह की कार्रवाई की आवश्यकता है ताकि उचित बाजार मूल्य प्राप्त किया जा सके और पीएमसी बैंक को ऋण चुकाने की प्रक्रिया शुरू करने के लिए तत्काल नकद उपलब्ध हो सके।
प्रमोटरों ने इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय, आर्थिक अपराध शाखा, वित्त मंत्रालय, भारतीय रिजर्व बैंक, राज्यपाल और उप राज्यपाल को पत्र लिखे हैं।
अटैच संपत्तियों में कई महंगी कारें शामिल
पत्र में संपत्तियों की दी गई सूचियों में कई महंगी कारें शामिल हैं। एचडीआईएल के प्रमोटरों ने जिन परिसंपत्तियों का मुद्रीकरण करने को कहा है, उनमें नीलम भूमि विकास प्राइवेट लिमिटेड के स्वामित्व वाली फेरेटी यॉट 881 हार्डटॉप शामिल हैं। लिमिटेड, प्रिविलेज एयरवेज लिमिटेड के स्वामित्व वाला एक फाल्कन 2000 एयरक्राफ्ट, ऑडी एजी सारंग वधावन के स्वामित्व में है, वहीं राकेश वधावन के स्वामित्व वाली रोल्स रॉयस फैंटम, अन्य लक्जरी एसयूवी, इलेक्ट्रिक कारें और स्पीड बोट है। इन सभी संपत्तियों को पहले ही प्रवर्तन निदेशालय द्वारा अटैच किया गया है।
4,355 करोड़ का घोटाला
मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा के अनुसार, पंजाब एंड महाराष्ट्र कॉओपरेटिव बैंक का घोटाला 4,355 करोड़ रुपये का है।
निवेशकों को आश्वासन
इससे पहले 14 अक्टूबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि पंजाब और महाराष्ट्र सहकारी (पीएमसी) बैंक मामले में धोखाधड़ी के स्तर की तुलना में अधिक संपत्ति जब्त की गई है और निवेशकों को आश्वासन दिया है कि उनके हितों की रक्षा की जाएगी।