चौथी तिमाही में 7.7 फीसदी पहुंची आर्थिक विकास दर
इस वर्ष मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में कृषि, विनिर्माण और निर्माण क्षेत्र में आई तेजी के बल पर देश की आर्थिक विकास दर 7.7 फीसदी पहुंच गई है। अंतिम तिमाही में मिले समर्थन से वर्ष 2017-18 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर 6.7 फीसदी पर रही। वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि चौथी तिमाही में विकास दर 7.7 प्रतिशत रहने से पता चलता है कि अर्थव्यवस्था सही रास्ते पर है और तेज गति से बढ़ने को तैयार है।
केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) द्वारा गुरुवार को जारी जीडीपी के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017-18 की पहली तिमाही के बाद से लगातार अंतिम तिमाही तक बढोतरी का रुख बना रहा है। पहली तिमाही में जहां विकास दर 5.6 प्रतिशत पर लुढ़क गई थी वहीं दूसरी तिमाही में यह सुधरकर 6.3 प्रतिशत और तीसरी तिमाही में 7.0 प्रतिशत रही थी। अब मार्च में समाप्त चौथी तिमाही में यह विश्लेषकों के सभी अनुमानों को पार करते हुए 7.7 प्रतिशत पर पहुंच गई है।
इस तिमाही में कृषि क्षेत्र की विकास दर 4.5 प्रतिशत रही जबकि विश्लेषकों ने इसके 3.0 प्रतिशत से कम रहने का अनुमान जताया था। इस दौरान विनिर्माण क्षेत्र 9.1 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र 11.5 प्रतिशत की दर से बढ़ा है। पूंजीगत वस्तु क्षेत्र की वृद्धि दर भी इस तिमाही में नौ फीसदी रही है। सीएसओ के अनुसार वर्ष 2017-18 में जीडीपी वृद्धि दर 6.7 प्रतिशत रही है। इस अवधि में कृषि क्षेत्र की सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) वृद्धि दर 3.4 प्रतिशत, उद्योग 5.5 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र 7.9 प्रतिशत की दर से बढ़ा है।