बजट ने कृषि और किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया: राधा मोहन सिंह
राधा मोहन सिंह ने कहा कि कृषि विकास दर बढ़कर 4.1 प्रतिशत होने का अनुमान दर्शाता है कि सरकार किसानों और खेतीबाड़ी की बेहतरी के लिए कितनी गंभीरता से काम कर रही है। बजट में किसानों की आय 5 वर्षों में दोगुनी करने की सरकार की प्रतिबद्धता का प्रकटीकरण हुआ है। यह स्पष्ट होता है कि बजट 2017-18 कृषि एवं किसानों के लिये सुरक्षा कवच प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2016-17 के लिए बजट प्रावधान 44,250 करोड़ रुपये से बढ़ाकर वर्ष 2017-18 के लिए 51,026 करोड़ रुपये किया गया है जो उल्लेखनीय हैं।
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री ने कहा कि सरकार ने पूर्व की योजनाओं को गतिमान बनाने का प्रावधान किया है। साथ ही श्वेत एवं नीली क्रान्ति के संकल्प को भी इस बजट में उजागर किया गया है। आम बजट में कृषि क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए दूरदर्शी योजनाएं गढ़ी गई हैं। जैसे प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए नौ हजार करोड़ रुपये का प्रावधान किया जाना। इससे किसानों की फसल सुरक्षा का दायरा बढ़ जाएगा।
सिंह ने कहा कि इस बजट में कृषि एवं किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान किया गया है। सरकार ने दस लाख तालाब बनाने की बात की है। यह बहुत ही बड़ा और सराहनीय कदम है। तालाबों से किसान सिंचाई के साथ-साथ मछली पालन कर अपनी आय को दुगना कर सकेंगे। पिछले साल पांच लाख तालाब बनाए गए थे। इसके अलावा मनरेगा के जरिए किसानों को सौ दिन रोजगार उपलब्ध करवाने की बात कही है। यह भी अच्छा कदम है। ड्राप मोर क्रॉप योजना के तहत पांच हजार करोड़ रुपये के दीर्घावधि सिंचाई कोष से अब उन क्षेत्रों में भी सिंचाई के लिए पानी पहुंचाया जा सकेगा, जहां अभी तक पानी नहीं पहुंचता था।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का वर्ष 2016-17 के लिए बजट प्रावधान 44,250 करोड़ रुपये था जो कि वर्ष 2017-18 के लिए 15.31 प्रतिशत बढ़ाकर 51,026 करोड़ रुपये किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के कार्यान्वयन में और गति लाते हुए इस वर्ष 40 प्रतिशत कृषि क्षेत्र को इस योजना के तहत लाया जाएगा। यह विगत वर्ष में 30 प्रतिशत था। इसी तरह वर्ष 2018-19 में इसे बढ़ाकर 50 प्रतिशत किया जाएगा। विगत वर्ष इस योजना में 5.5 हजार करोड़ का बजट प्रावधान था जिसे बढ़ाकर इस वर्ष 9 हजार करोड़ किया जाएगा। इसके साथ ही विगत वर्ष पूर्व देयताओं के लिए 7.7 हजार करोड़ की अतिरिक्त राशि भी इस वर्ष दी गई है।
राधामोहन सिंह ने कहा कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना के संबंध में मिनी स्वॉयल टेस्टिंग लैब का दायरा बढ़ाया गया है। राष्ट्रीय कृषि मंडी :एनएएम: के तहत 250 से बढ़ाकर 585 मण्डियों को जोड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि डेयरी, कृषि अर्थव्यवस्था का प्रमुख अंग है। विगत वर्ष 2016-17 में श्वेत क्रान्ति के लिए 1,136 करोड़ रुपये का बजटीय प्रावधान था जिसे इस वर्ष 2017-18 में 43.8 प्रतिशत बढ़ाकर 1,634 करोड़ रुपये किया गया है। साथ ही अलग से आपरेशन फ्लड में पुरानी दूध प्रसंस्करण इकाइयों के उत्थान हेतु डेयरी प्रसंस्करण एवं अवसंरचना निधि की 8 हजार करोड़ की राशि से स्थापना की जाएगी। इसे तीन सालों में बनाया जाएगा। प्रारंभ में यह 2 हजार करोड़ रुपये का होगा। भाषा