Advertisement
06 June 2016

मौद्रिक नीति की समीक्षा कल, मानसून की थाह के बीच क्या घटेंगी ब्याज दरें

google

राजन ने पिछले साल जनवरी से लेकर अब तक नीतिगत ब्याज दर में कुल मिला कर 1.5 प्रतिशत की ही कटौती की है। पर उनकी आलोचना इसी बात को लेकर हो रही है कि उन्होंने दरों में कमी शुरू करने से पहले जरूरत से ज्यादा समय तक मौद्रिक नीति को सख्त रखा। राजन नीतिगत दरों में कटौती करने के साथ-साथ बैंकों को उसका पूरा फायदा ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए भी जोर देते आ रहे हैं।

इस बार द्वैमासिक समीक्षा के बाद होने वाली गवर्नर के परंपरागत संवाददाता सम्मेलन को भी गौर से देखा जाएगा क्योंकि उसमें राजन के सेवा काल के विस्तार के बारे में संकेतों को भी खोजा जाएगा। उनका कार्यकाल सितंबर में पूरा हो रहा है। एक वरिष्ठ बैंक अधिकारी ने कहा, आरबीआई इस बार यथास्थिति बनाए रखेगा। उसने कहा कि मुद्रास्फीति के आंकड़ें उम्मीद के अनुसार ही हैं पर वे बहुत सुखद नहीं कहे जा सकते। उसने कहा कि, केवल एक ही उत्साहजनक बात है, मानसून के अच्छे होने का अनुमान। आरबीआई उसकी प्रगति को देख कर ही कटौती का कोई निर्णय करेगा। अप्रैल में खुदरा मुद्रास्फीति बढ कर 5.39 प्रतिशत पर पहुंच गयी। वित्तीय कंपनी नोमूरा की एक रपट में कहा गया है कि मुद्रास्फीति पांच प्रतिशत से ऊपर बनी रहने से हमें लगता है कि वर्तमान नीतिगत दरें 2016 के अंत तक बनी रहेंगी।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: भारतीय रिजर्व बैंक, मानसून की थाह, ब्‍याज दरें, मौद्रिक नीति, रघुराम राजन, rbi, mansoon, interest rate, monetary policy, raghuram rajan
OUTLOOK 06 June, 2016
Advertisement