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23 June 2016

हवाई किराये के मुद्दे पर राजू ने कहा एयरलाइंस कंपनियां कोई राक्षस नहीं

गूगल

उन्होंने स्पष्ट किया कि हद से ज्यादा हवाई किरायों से निपटने का कोई आसान समाधान नहीं हो सकता। वह किरायों की सीमा तय किए जाने के विचार को त्याग चुके हैं क्योंकि इससे न्यूनतम किरायों में बढ़ोत्तरी होगी। हवाई यात्रा के लिये किराया सीमा तय करने की मांग के खिलाफ अडिग रहते हुए उन्होंने कहा कि पिछले साल एक विश्लेषण किया गया जिसमें यह बात सामने आई कि मात्र 1.7 प्रतिशत टिकटों को ही ऊंचे किराये पर बेचा जाता है।

हवाई किरायों की सीमा तय किए जाने के एक सवाल पर उन्होंने कहा, अधिकतम और न्यूनतम सीमा तय किया जाना रोचक है लेकिन हमें ऐसी स्थिति में नहीं पड़ना चाहिये जहां 1.7 प्रतिशत यात्रिायों को फायदा पहुंचाने के लिए 90 प्रतिशत यात्रियों के लिए किराये को बढ़ा दिया जाए। राजू ने इस बात पर जोर दिया कि चेन्नई और श्रीनगर में बाढ़ संकट के दौरान एयरलाइन कंपनियों ने हवाई किराये को तर्कसंगत स्तर पर रखा और सरकार का मकसद भी यही सुनिश्चित करना चाहिए है कि हवाई यात्रा किराया तर्कसंगत दायरे में रहे। राजू ने कहा, वे (एयरलाइन) हो सकता है कि परियां नहीं हों लेकिन निश्चित रूप से राक्षस भी नहीं हैं। हमें उनके साथ काम करके ऊंचे किरायों के मामले में एक समाधान खोजने की जरूरत है। यह वे समस्याएं हैं जिनका अपने आप कोई आसान समाधान नहीं हो सकता।

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TAGS: Airlines, demons, Civil Aviation Minister, Ashok Gajapathi Raju, हवाई किराया, वृद्धि, नागर विमानन मंत्री, अशोक गजपति राजू, एयरलाइन कंपनियां
OUTLOOK 23 June, 2016
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