गन्ना किसानों के मुद्दे पर आंदोलन तेज करेगी भाकियू
गन्ने के राज्य परामर्श मूल्य (एसएपी) में बढ़ोत्तरी की उम्मीद लगाए यूपी के किसानों की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए राज्य सरकार ने लगातार तीसरे साल गन्ने का दाम नहीं बढ़ाया है। सोमवार को यूपी कैबिनेट ने गन्ने का मूल्य 280 रुपये प्रति कुंतल ही रखने का फैसला किया है। पेराई सीजन शुरू होने के दो महीने तक राज्य सरकार गन्ना का दाम तय नहीं कर पाई थी इसलिए भाव जाने बगैर ही किसान चीनी मिलों को गन्ना दे रहे थे।
गन्ना किसान चीनी मिलों पर अपने बकाया भुगतान को लेकर भी परेशान हैं। किसानों का करीब 7500 करोड़ रुपये का भुगतान मिलों पर बकाया है। केंद्र अौर राज्य सरकार से हर साल राहत पैकेज लेने वाली चीनी मिलें न तो समय से भुगतान कर रही हैं और न ही गन्ने का भाव बढ़ाया जा रहा है। इस मुद्दे पर किसानों में असंतोष बढ़ रहा है जो बड़े आंदोलन की शक्ल ले सकता है।
भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बीती शाम राज्यव्यापी प्रदर्शन शुरू करने की धमकी देते हुए कहा कि अगर पिछले साल की बकाया राशि के भुगतान नहीं किया जाता तो वे एक फरवरी से राष्ट्रीय राजमार्ग बाधित कर राज्यव्यापी प्रदर्शन करेंगे। उन्होंने गन्ने की कीमतों में वृद्धि की भी मांग करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से घोषित गन्ने का न्यूनतम मूल्य किसानों को स्वीकार्य नहीं है क्योंकि इसमें सिर्फ चीनी मिल मालिकों का हित देखा गया है। प्रदर्शनकारी किसानों ने सोमवार देर रात मुजफ्फरनगर ट्रेजरी पर भी ताला जड़ दिया था।
टिकैत ने गन्ने के दाम में बढ़ोतरी न किए जाने को किसानों के साथ भद्दा मजाक करार दिया है। उनका कहना है कि प्रदेश सरकार को किसानों की कोई चिंता नहीं है। किसान अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे। अब किसानों के सामने हाईवे जाम करने और रेल रोकने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। उन्होंने कहा कि जब चीनी 26 रुपये किलो थी तब भी यही रेट था और अब 32 रुपये किलो हो गई है, तब भी यही रेट है।
तीसरे साल भी नहीं बढ़ा गन्ना का रेट
उल्लेखनीय है कि यूपी सरकार ने पेराई सत्र 2012-13 में गन्ना मूल्य 275, 280 और 290 रुपये क्विंटल घोषित किया था। ये तीनों रेट क्रमश: अस्वीकृत, सामान्य और अगेती प्रजाति के लिए थे। पेराई सत्र 2013-14 और 2014-15 में भी यही गन्ना मूल्य तय किया गया। 2015-16 में भी गन्ना मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया। यह पहला मौका है जब लगातार तीसरे साल भी गन्ना मूल्य में कोई बदलाव नहीं किया गया है। उधर, इस साल भी चीनी मिलों को राज्य सरकार ने 35 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से राहत पैकेज देने का ऐलान किया है।