कच्चे तेल में गिरावट का फायदा उठा कर रणनीतिक भंडार भरेगा भारत
कच्चे तेल की अपनी कुल जरूरतों में से 79 प्रतिशत के लिए आयात पर निर्भर भारत आपात तेल भंडार तैयार कर रहा है जिसमें लाखों बैरल कच्चे तेल होंगे। अमेरिकी तथा पश्चिमी सहयोगी देशों ने 1973 से 1974 के दौरान पहले तेल संकट के बाद यह काम किया था। भारत में इसके लिए भूमिगत पेट्रोलियम भंडार सुविधाएं आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम तथा कर्नाटक में मैंगलोर और पादुर में तैयार की जा रही हैं। इनमें करीब 53.3 लाख टन :2.8 करोड़ बैरल: कच्चा तेल रखा जा सकता है। यह देश की 11 से 12 दिन की तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिये पर्याप्त होगा। तेल मंत्रालय के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि इन तीनों भंडारण केंद्र में से विशाखापत्तनम तैयार है और अगले महीने से कच्चा तेल प्राप्त करना शुरू कर देगा।
उसने कहा, वित्त मंत्रालय ने अनुपूरक अनुदान मांगों में विशाखात्तनम भंडारण केंद्र को भरने के लिए कच्चा तेल खरीदने को लेकर 2,399 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। इंडियन स्ट्रैटजिक पेट्रोलियम रिजर्व लि. (भंडार के लिए बनाई गई कंपनी) से भंडारण केंद्र को भरने के लिए सस्ते तेल का उपयोग करने को कहा गया है। विश्व बाजार में ब्रेंट कच्चे तेल की दर पिछले साल से करीब आधा घटकर 56 डाॅलर बैरल के आसपास आ गई है।