केंद्र सरकार ने कर्मचारी संघों को चेताया, नीतियों की आलोचना पर होगी कार्रवाई
केंद्र सरकार का यह रुख भारतीय राजस्व सेवा (सीमाकर एवं केंद्रीय उत्पाद शुल्क) के अधिकारियों एवं अखिल भारतीय केंद्रीय उत्पाद शुल्क राजपत्रत कार्यकारी अधिकारी संघ सहित अन्य द्वारा गुड्स एंड सर्विस टैक्स नेटवर्क (जीएसटीएन) में बदलाव का सुझाव देने के बाद सामने आया है। केंद्रीय वित्त मंत्रालय की ओर से हाल में जारी एक निर्देश में कहा गया है, हाल में ऐसा देखा गया है कि कुछ संघों या महासंघों ने सरकार और उसकी नीतियों के प्रतिकूल टिप्पणियां की हैं। सभी संघ या महासंघ यह ध्यान दें कि अगर कोई भी सरकार और उसकी नीतियों की आलोचना में शामिल रहता है तो उनके खिलाफ उचित कार्रवाई (अनुशासनात्मक कार्रवाई) की जाएगी। इस निर्देश में सेवा नियमों का हवाला दिया गया है जिसके मुताबिक किसी भी सरकारी सेवक पर सरकार की किसी नीति या कार्रवाई की प्रतिकूल आलोचना करने पर प्रतिबंध है।
मौजूदा नियमों का उल्लेख करते हुए वित्त मंत्रालय ने कहा कि इन सेवा संघों का प्राथमिक लक्ष्य इसके सदस्यों की आम सेवा हितों को बढ़ावा देना है। वरिष्ठ भाजपा नेता अरूण जेटली के नेतृत्व वाले वित्त मंत्रालय ने सभी प्रमुख आयुक्तों और संबंधित महानिदेशकों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि सिर्फ मान्य कर्मचारी संघों को उल्लिखित नियमों का लाभ मिले। बता दें कि जीएसटीएन एक निजी कंपनी है जिसे वस्तु एवं सेवा कर और राजस्व सचिव के नेतृत्व वाली जीएसटी परिषद सचिवालय की संरचना के लिए सूचना प्रौद्योगिकी के बुनियादी ढांचे के निर्माण का जिम्मा सौंपा गया है।