सिगरेट की तस्करी ने सोने की तस्करी को भी पीछे छोड़ा
2015-16 में 162 करोड़ रुपये मूल्य की तस्करी की सिगरेट जब्त की गई जबकि 2014-15 में 90.75 करोड़ रुपये की सिगरेट जब्त की गई।
इस अवधि में कपड़े तथा रेशमी धागे की तस्करी में भी काफी वृद्धि दर्ज की गई। इनकी तस्करी इस दौरान 73.8 प्रतिशत बढ़कर 41.78 करोड़ रुपये की रही जबकि 2014-15 में यह 24.03 करोड़ रुपये मूल्य की रही।
वहीं जब्त सोने की मात्रा आलोच्य वित्त वर्ष में 61.6 प्रतिशत बढ़कर 1,119.11 करोड़ रुपये रही जो कि 2014-15 में 692.35 करोड़ रुपये रही थी।
रपट में कहा गया है कि भारत में सिगरेटों की तस्करी बढ़ने की मुख्य वजह उंचे कर है। सिगरेट की तस्करी को कम जोखिम व उंची आय वाला अपराध माना जाता है।
वर्तमान में सिगरेट पर बढ़े कर की वजह से यह कर चोरी यानी तस्करी के लिहाज से फायदे का सौदा माना जा रहा है। निर्यात करने वाले देश और आयात करने वाले देश में कर दरों में भारी अंतर की वजह से एेेसा होता है। भाषा एजेंसी