Advertisement
19 October 2016

जीएसटी दरों पर फैसला नवंबर तक टाला

पीआईबी

केंद्र और राज्यों के प्रतिनिधियों के महत्वपूर्ण निकाय जीएसटी परिषद की इस बैठक में दोहरे नियंत्रण को लेकर मतभेद उभर गए जबकि इन्हें पिछली बैठक में निपटा लिया गया था। राज्यों ने मांग की है कि 11 लाख सेवा करदाताओं पर उनका नियंत्राण रहे, वहीं केंद्र ने सालाना 1.5 करोड़ रुपये की राजस्व सीमा के सभी डीलरों पर राज्यों के विशिष्ट नियंत्रण को समाप्त करने का प्रस्ताव किया।

जीएसटी में विलासिता और अहितकर वस्तुओं पर उच्चतम दर के साथ-साथ उपकर लगाने का प्रस्ताव है। उपकर से मिलने वाले राजस्व का इस्तेमाल 1 अप्रैल, 2017 से पहले पांच साल के दौरान राज्यों को राजस्व-हानि की स्थिति में उसकी भरपाई के लिए किया जाएगा। इस उपकर के विरोध को लेकर लगभग सभी राज्यों में सहमति थी। विशेषज्ञों और उद्योग जगत ने उपकर के प्रस्ताव का कड़ा विरोध करते हुए कहा कि इससे एक राष्ट्र, एक कर की धारणा समाप्त हो जाएगी।

जीएसटी परिषद की दो दिन की बैठक के आज संपन्न होने तक चार स्लैब के कर ढांचे 6, 12, 18 और 26 प्रतिशत पर अनौपचारिक सहमति बन गई है। निचली दर आवश्यक वस्तुओं तथा ऊंची दर लक्जरी व तंबाकू, सिगरेट, शराब जैसे अहितकर उत्पादों के लिए होगी। हालांकि, इस पर फैसला अगली बैठक तक के लिए टाल दिया गया है।

Advertisement

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि जीएसटी परिषद की अगली बैठक 3-4 नवंबर को होगी जिसमें कर की दरों पर फैसला किया जाएगा। पहले जीएसटी परिषद की बैठक तीन दिन के लिए होनी थी। उन्होंने कहा कि स्लैब निचली होनी चाहिए इस पर विचार-विमर्श अच्छा है। लेकिन यदि कर राजस्व की हानि होती है या स्लैब को निचले स्तर पर रखने के लिए काफी ऊंची कर दर लगाई जाती है तो यह उचित नहीं होगा।

जीएसटी परिषद की बैठक पहले तीन दिन के लिए होनी थी। लेकिन दो दिन तक मैराथन विचार-विमर्श के बाद यह बैठक संपन्न हो गई। राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि जीएसटी परिषद कर स्लैब पर फैसला करेगी। उसके बाद अधिकारियों की समिति यह तय करेगी कि कौन की वस्तु किस स्लैब में फिट बैठती है। अधिया ने कहा, हम विचार-विमर्श को 22 नवंबर तक संपन्न करने को लेकर आशान्वित हैं। हम अच्छी प्रगति कर रहे हैं। वित्त मंत्री चाहते तो वह मतदान का रास्ता अपना सकते थे। लेकिन वह राज्यों और केंद्र के बीच सहमति बनाने का प्रयास कर रहे हैं।

यह पूछे जाने पर कि क्या दोहरे नियंत्रण पर नए सिरे से विचार का मतलब 1.5 करोड़ रुपये की तय की गई सीमा की समीक्षा करना है, जिस पर पहले ही फैसला हो चुका है, अधिया ने कहा कि इसे देखा जा रहा है। इस मुद्दे पर नए सिरे से विचार-विमर्श हो रहा है। यह सीमा रहेगी या नहीं इस पर फैसला किया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी परिषद राज्यों को मुआवजे के लिए वित्तपोषण के स्रोत को लेकर सहमति की दिशा में आगे बढ़ चुकी है। कर ढांचे के बारे में उन्होंने कहा, कर-स्लैब की संख्या (कर के स्तरों) को कम से कम रखना है तो हम कर कम या अधिक नहीं रख सकते।

उन्होंने कहा कि हमारा प्रयास शून्य कर दर वाले उत्पादों को तय करना और उन उत्पादों पर 6 प्रतिशत की दर लगाना है जिन पर अभी 3 से 9 प्रतिशत का कर लग रहा है। जेटली ने कहा, हम कर ढांचे को अगली बैठक में अंतिम रूप देंगे। उन्होंने संकेत दिया कि इस समय दो मानक दरों- 12 प्रतिशत और 18 प्रतिशत, पर विचार-विमर्श चल रहा है। (एजेंसी)

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोरसे
TAGS: जीएसटी परिषद, अरुण जेटली, वित्त मंत्री, केंद्र, राज्य, कर, स्लैब, कर ढांचा
OUTLOOK 19 October, 2016
Advertisement