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07 February 2017

मुनाफे वाले पवनहंस में विनिवेश चौंकाने वाला, पीएमओ को लिखा पत्र

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रधान सचिव नृपेंन्द्र मिश्र को पिछले सप्ताह भेजे गये पत्र में अखिल भारतीय नागरिक उड्डयन कर्मचारी संघ ने कहा है कि सरकार ने कंपनी में अपनी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय एेसे समय लिया है जब कंपनी देश के दूरदराज इलाकों तक पहुंचने के लिये सस्ती दर पर सेवायें उपलब्ध करा रही है और इस क्षेत्र में एक मूल्य नियामक की तरह काम कर रही है।

पवन हंस केन्द्र सरकार और ओएनजीसी के बीच एक संयुक्त उद्यम कंपनी है। इसमें सरकार की जहां 51 प्रतिशत हिस्सेदारी है वहीं ओएनजीसी के पास शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है। कंपनी में 900 कर्मचारी है जिनमें से करीब आधे कर्मचारी स्थायी हैं।

कर्मचारी संघ ने कहा है कि पवन हंस को बीमार उपक्रमों की सूची में शामिल किये जाने से हम अचंभित हैं। पवन हंस मुनाफे में चलने वाला उपक्रम हैं और लगातार सरकार को लाभांश देता रहा है, इसके बावजूद उसे रणनीतिक बिक्री वाले उपक्रमों में शामिल किया गया है।

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कर्मचारी संघ के मुताबिक पवनहंस अब तक सरकार और ओएनजीसी को 235 करोड़ रुपये का लाभांश दे चुका है।

पिछले वित्त वर्ष में पवन हंस ने 61.6 करोड़ रुपये का संचालन मुनाफा हासिल किया। पिछले सप्ताह ही उसने सरकार और ओएनजीसी को 10.82 करोड़ रुपये का लाभांश दिया है। पवनहंस की स्थापना 1985 में हुई थी और उसके पास इस समय 46 हेलिकाप्टरों का बेड़ा है। भाषा

 

 

 

 

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TAGS: मुनाफा, पवनहंस, विनिवेश, पीएमओ, पत्र, disinvestment, pawan hans, pmo, agitation
OUTLOOK 07 February, 2017
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