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31 July 2018

ई-कॉमर्स कंपनियों पर लगाम लगाने की तैयारी, ऑनलाइन रिटेल फर्मों को भारत में स्टोर करना होगा डेटा

फ्लिपकार्ट और अमेजॉन जैसी ई-कॉमर्स और सोशल मीडिया कंपनियों को अपने यूजर्स के डेटा को भारत में ही रखना पड़ सकता है। दरअसल, ई-कॉमर्स के लिए राष्ट्रीय नीति के मसौदे में यह बात कही गई है। 

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, नई नीति के मसौदे में कहा गया है कि जिन आंकड़ों को भारत में ही रखने की जरूरत होगी, उसमें इंटरनेट ऑफ थिंग्स (आईओटी) द्वारा जुटाए गए कम्युनिटी डेटा, ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म, सोशल मीडिया, सर्च इंजन समेत विभिन्न स्रोतों से यूजर्स द्वारा सृजित डेटा शामिल होगा।

नीति में प्रस्ताव दिया गया है कि सरकार की राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक नीति मकसद से भारत में रखे आंकड़ों तक पहुंच होगी। इसमें यह भी सुझाव दिया गया है कि ग्राहकों द्वारा सृजित आंकड़े उनके अनुरोध पर देश में विभिन्न मंचों के बीच भेजा जा सके। साथ ही घरेलू कंपनियों को समान अवसर उपलब्ध कराया जाएगा। इसके लिए यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि ई-कॉमर्स लेन-देन में शामिल विदेशी वेबसाइट उन्हीं नियमों का पालन करें।

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मसौदा में ई-कॉमर्स क्षेत्र में एफडीआई से संबंधित शिकायतों के निपटारे के लिए प्रवर्तन निदेशालय में एक अलग विंग गठित करने का सुझाव दिया गया है।

शुरुआती मसौदे में कहा गया है कि ‘मार्केट प्लेस’ (ई-कॉमर्स कंपनियां) पर ब्रांडेड वस्तुओं, खासकर मोबाइल फोन की थोक में खरीद पर पाबंदी लगाई जा सकती है क्योंकि इससे कीमतों में गड़बड़ी होती है।

बैठक के बारे में पत्रकारों को ब्रीफ करते हुए, नए वाणिज्य सचिव ओएसडी अनूप वाधवान ने कहा कि आज जिन सिफारिशों पर चर्चा की गई थी, वे प्रकृति में बहुत व्यापक हैं और इसमें ई-कॉमर्स जैसे डेटा प्रवाह, उपभोक्ता संरक्षण, शिकायत निवारण, रसद और सर्वर के प्रत्येक पहलू शामिल हैं।

उन्होंने कहा, "इस बैठक से, देश की ई-कॉमर्स नीति तैयार करने के लिए सरकार द्वारा और आवश्यक कार्रवाई के लिए सिफारिशों की बात उभरी है।"

बैठक में आने वाले सुझावों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के लिए नियामक, उपभोक्ता डेटा संरक्षण, डेटा स्थानीयकरण और प्रतिस्पर्धा जैसे मुद्दों पर चर्चा की गई।

डेटा संरक्षण पर न्यायमूर्ति बीएन श्रीकृष्ण समिति की रिपोर्ट भी सामने आई है। वाधवान ने कहा कि डेटा स्थानीयकरण के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया गया है, क्योंकि "डेटा प्रावधानों को सुरक्षा और गोपनीयता की चिंताओं के साथ व्यापार को बढ़ावा देने के हित को भी संतुलित करना है"।

इस पहल पर टिप्पणी करते हुए, अखिल भारतीय व्यापारी कन्फेडरेशन (सीएआईटी) ने कहा कि वे इस क्षेत्र के लिए नीति और नियामक की मांग कर रहे हैं। सीएआईटी ने कहा कि मसौदा रुपे कार्ड को भुगतान तकनीक के रूप में अपनाने के बारे में भ्‍ाी बोलता है।

स्नैपडील के प्रवक्ता ने कहा कि ई-कॉमर्स पर राष्ट्रीय नीति का मसौदा इस क्षेत्र के भविष्य से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर एक अच्छी तरह से संरचित चर्चा के नतीजों का प्रतिनिधित्व करता है।

सरकार ने राष्ट्रीय ई-कॉमर्स नीति तैयार करने के लिए वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति गठित की है। समिति में विभिन्न सरकारी विभागों तथा निजी क्षेत्र के सदस्य शामिल हैं।

 

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TAGS: draft, e-commerce, Online, retail, firms, store user data, India
OUTLOOK 31 July, 2018
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