आर्थिक सर्वेक्षणः स्टार्टअप कंपनियों के लिए तर्कसंगत कर प्रणाली की दरकार
आर्थिक सर्वेक्षण में स्टार्टअप कंपनियों की टैक्स संबंधी समस्याओं का भी जिक्र किया गया है और सुझाव दिया गया है कि टैक्स को तर्कसंगत बनाने की आवश्यकता है। आर्थिक विकास और नौकरियां पैदा करने में स्टार्टअप्स की भूमिका का उल्लेख करते हुए सर्वेक्षण में कहा गया कि उनके लिए कर प्रणाली इस तरह की होनी चाहिए जिससे इनोवेशन में निवेश को प्रोत्साहन दिया जा सके।
इनोवेशन के बगैर विकसित नहीं होगी नई अर्थव्यवस्था
गौरतलब है कि स्टार्टअप्स में होने वाले निवेश पर कराधान को लेकर समय-समय बातें उठती रही हैं। फंड पाने के लिए इनोवेटिव कंपनियां को कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। ऐसे में कर संबंधी बाधाएं आने पर उनके लिए निवेशक जुटाना और मुश्किल हो जाता है। इसी वजह से इन बाधाओं को दूर करने के लिए मांग उठती रही है।
उद्यमिता को फायदा दिलाने का माहौल चाहिए
आर्थिक सर्वेक्षण में कहा गया कि पूरी दुनिया में इनोवेशन को प्रोत्साहन देने वाली कर प्रणाली की आवश्यकता महसूस की जाती है। देश में स्टार्टअप्स के लिए कर नीति और उसका अनुपालन तर्कसंगत होना चाहिए ताकि अर्थव्यवस्था में इनोवेटिव इन्वेस्टमेंट बढ़ सके। इनोवेशन और उद्यमिता को फायदा दिलाने वाले माहौल के बिना नई अर्थव्यवस्था के विकास को बढ़ावा नहीं दिया जा सकता है। सर्वेक्षण के अनुसार स्टार्टअप्स और इनोवेटिव कंपनियां पारंपरिक कारोबारों के मुकाबले अत्यधिक अनिश्चित होती हैं। इसके बावजूद नीतिगत अस्पष्टता के कारण जोखिम उठाने वाले उद्यमियों को नुकसान होता है। इससे निवेश प्रभावित होता है।
निवेश, निर्यात और जॉब्स के लिए स्टार्टअप्स आवश्यक
देश में स्टार्टअप्स के लिए बेहतरीन माहौल विकसित हो चुका है। सर्वेक्षण में जोर दिया गया कि निवेश, मांग, निर्यात, विकास और जॉब्स का चक्र तैयार करने के लिए नई अर्थव्यवस्था महत्वपूर्ण है। निजी निवेश के लिए माहौल और अच्छा बनाया जाना चाहिए।
47 फीसदी स्टार्टअप्स छोटे शहरों में
2015 में स्टार्टअप इंडिया, स्टैंडअप इंडिया कार्यक्रम के तहत ऐसा माहौल बनाने पर जोर दिया गया जिसमें ऐसी कंपनियों को विकास करने के लिए अच्छा माहौल मिल सके। इस साल एक मार्च तक देश के 499 जिलों में 16,578 नए स्टार्टअप्स को मान्यता दी गई। 47 फीसदी स्टार्टअप्स टियर-2 और टियर-3 शहरों में स्थापित हुए। उद्योगवार मान्यता प्राप्त स्टार्टअप की बात करें तो आइटी सेवा क्षेत्र में 15 फीसदी स्टार्टअप्स स्थापित हुए। हेल्थकेयर एवं लाइफ साइंसेज में नौ फीसदी और एजूकेशन में आठ फीसदी स्टार्टअप्स स्थापित किए गए।