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25 April 2016

बढ़ी माल्या की मुश्किल, राज्यसभा से निष्कासन के पक्ष में संसदीय समिति

गूगल

कांग्रेस नेता कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली राज्यसभा की आचार समिति ने माल्या को उनके आचरण के बारे में स्पष्टीकरण देने के लिए एक सप्ताह का समय दिया है। समिति के सदस्यों का कहना है कि यह कदम एक प्रक्रियागत औपचारिकता है। माल्या के प्रत्यर्पण की कार्यवाही के लिए जमीन तैयार करते हुए सरकार ने कल माल्या का पासपोर्ट रद्द कर दिया था। माना जा रहा है कि दो मार्च को भारत छोड़ने के बाद से वह ब्रिटेन में हैं। समिति के अध्यक्ष कर्ण सिंह ने कहा, हमने माल्या मामले से संबंधित पूरे मामले पर गौर किया। हमने बैंकों से जो दस्तावेज मंगवाए थे वह भी दिए गए। समिति में यह आम राय थी कि उन्हें सदन की सदस्यता से निष्कासित किया जाए। कर्ण सिंह ने कहा, इसके बावजूद हमने उन्हें एक हफ्ते का समय देने का निर्णय किया ताकि उन्हें जो कहना हो वह कह सकें। समिति की अगली बैठक की तारीख तीन मई तय की गई है।

 

यह पूछे जाने पर कि क्या समिति माल्या को निष्कासित करने के मत पर एकराय है, सिंह ने कहा, समिति एक राय है किन्तु हमें प्रक्रियाओं का पालन करना होगा। समिति के सदस्य जदयू अध्यक्ष शरद यादव ने कहा, माल्या को राज्यसभा से निष्कासित किया जाना चाहिए और वह निष्कासित होंगे। अब उनकी सदस्यता लगभग जा चुकी है। यह समिति की दृढ़ राय है। यह अंतिम मत है कि उनकी सदस्यता जाएगी। उन्हें प्रक्रिया पूरा करने के लिए समय दिया गया है। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने कहा कि समिति की राय है कि माल्या को राज्यसभा का सदस्य रहने का कोई अधिकार नहीं है।

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विपक्षी सदस्यों द्वारा दिए गए नोटिसों पर कार्रवाई करते हुए राज्यसभा के सभापति हामिद अंसारी ने पिछले माह इस मामले को समिति के पास भेजा था। समिति ने 14 मार्च को इस मामले पर संज्ञान लिया। कर्ण सिंह की अध्यक्षता वाली 10 सदस्यीय समिति में बसपा के सतीश चन्द्र मिश्रा, जदयू के शरद यादव, माकपा के सीताराम येचुरी, तृणमूल कांगे्रस के मुकुल राय, सपा के नीरज शेखर, अन्नाद्रमुक के ए नवनीतकृष्णन और तेदेपा के देवेन्द्र गौड़ टी शामिल हैं।

 

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TAGS: निर्दलीय सांसद, शराब कारोबारी, विजय माल्या, राज्यसभा, निष्कासित, ऋण बकाये, संसदीय समिति, कार्रवाई, डॉ. कर्ण सिंह, शरद यादव, सीताराम येचुरी, किंगफीशर, ब्रिटेन, प्रत्यर्पण, आचार समिति, कांग्रेस, पासपोर्ट
OUTLOOK 25 April, 2016
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