सरकार को उम्मीद, मुद्रास्फीति पर अंकुश रखते हुए वृद्धि पर भी ध्यान देंगे उर्जित
केंद्र सरकार ने शनिवार को रिजर्व बैंक के डिप्टी गवर्नर उर्जित पटेल को केंद्रीय बैंक का 24वां गवर्नर नियुक्त कर दिया है। वह रघुराम राजन का स्थान लेंगे जो कि चार सितंबर को सेवानिवृत हो रहे हैं। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने कहा, पटेल मुद्रास्फीति लक्ष्य और मौद्रिक नीति को ध्यान में रखेंगे। वह वृद्धि की जरूरतों को भी ध्यान में रखेंगे जो कि भारतीय रिजर्व बैंक कानून में उसकी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा, खासतौर से उन्हें अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों को ऋण प्रवाह पर ध्यान देना होगा। उन्हें कृषि और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योग क्षेत्र को ऋण प्रवाह सुनिश्चित करना होगा।
पटेल रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति निर्णय का प्रभार संभालते रहे हैं। दास ने कहा, रिजर्व बैंक गवर्नर का काम केवल मौद्रिक नीति को देखना ही नहीं है। रिजर्व बैंक को बैंकों और गैर-बैंकिंग कंपनियों के नियमन को भी देखना होता है। उस भूमिका में रिजर्व बैंक को वित्तीय क्षेत्र के सामान्य कामकाज को सुनिश्चित करना होता है। सरकार ने मौद्रिक नीति रूपरेखा समझौते को अधिसूचित किया है। इसके तहत रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को चार प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य है। मुद्रास्फीति कभी इससे दो प्रतिशत ऊपर या नीचे भी जा सकती है।
उर्जित पटेल को सक्षम अर्थशास्त्री बताते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी उम्मीद जताई कि रिजर्व बैंक के नए गवर्नर के तौर पर वह मुद्रास्फीति पर अंकुश रखने के साथ-साथ देश की आर्थिक वृद्धि में भी योगदान देंगे। जेटली ने एक टीवी चैनल पर कहा, डा. पटेल एक सक्षम अर्थशास्त्री हैं, वह मौद्रिक अर्थशास्त्री हैं। रिजर्व बैंक में उन्होंने विभिन्न पदों पर काम किया है। मुझे विश्वास है कि वह मौद्रिक नीति समिति की मदद से मुद्रास्फीति पर अंकुश रखने में कामयाब रहेंगे। वह देश की आर्थिक प्रगति में भी योगदान देंगे।