अप्रैल में देश का औद्योगिक उत्पादन 0.8 फीसदी गिरा
इन निराशाजनक आंकड़ों से कर्ज सस्ता किए जाने की मांग जोर पकड़ सकती है। आईआईपी में इस वर्ष फरवरी में करीब 2.0 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। ताजा आंंकड़ों में मार्च की औद्योगिक वृद्धि संशोधित कर 0.3 प्रतिशत कर दी गयी है। प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर मार्च की औद्योगिक वृद्धि 0.1 प्रतिशत बतायी गयी थी। इस साल जनवरी में आईआईपी में 1.6 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी थी।
सूचकांक में 75 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी रखने वाला विनिर्माण क्षेत्र में इस साल अप्रैल में 3.1 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि पिछले साल इसी महीने में इसमें 3.9 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसी प्रकार, पूंजीगत वस्तुओं के उत्पादन में अप्रैल महीने में 24.9 प्रतिशत की गिरावट आयी जबकि पिछले साल इसी महीने इसमें 5.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। पूंजीगत सामान के उत्पादन को निवेश का मापक माना जाता है।
कुल मिलाकर उपभोक्ता वस्तुओं का उत्पादन आलोच्य महीने में 1.2 प्रतिशत घटा जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 2.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। इसमें गिरावट मांग में कमजोरी का संकेत है। उपभोक्ता गैर-टिकाउ खंड में उत्पादन में इस साल अप्रैल में 9.7 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गयी जबकि एक वर्ष पूर्व इसी महीने में इसमें 3.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।