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11 August 2017

छमाही आर्थिक सर्वेक्षण: जीडीपी विकास दर का 7.5% तक पहुंचना मुश्किल

संसद में शुक्रवार को छमाही आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया गया। आर्थिक सर्वेक्षण 2016-17 के दूसरे खंड के मुताबिक चालू वित्त वर्ष में अनुमानित जीडीपी विकास दर का 6.75% से 7.5% तक पहुंचना मुश्किल है। वित्त मंत्रालय ने शुक्रवार को छमाही आर्थिक समीक्षा में ये जानकारी दी।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने लोकसभा में आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया, जिसमें व्यापक आर्थिक डेटा शामिल है। सर्वेक्षण में यह भी कहा गया है कि मौद्रिक नीति को आसान बनाने के लिए काफी आर्थिक गुंजाइश बनी हुई है। साथ ही सरकार ने वित्त वर्ष 2018 में राजकोषीय घाटा जीडीपी के 3.2 प्रतिशत रहने की उम्मीद जताई है, जबकि वित्त वर्ष 2017 में यह 3.5% था।

इस आर्थिक सर्वे में यह कहा गया है कि सरकार की आेर से अर्थव्यवस्था में बुनियादी आर्थिक सुधार के लिए वस्तु एवं सेवा कर यानी जीएसटी के क्रियान्वयन आैर एयर इंडिया के निजीकरण के साथ डूबते ऋण से निपटने आैर बैंकों की बैलेंस शीट की समस्या के समाधान के लिए कदम उठाये गये हैं।

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 आर्थिक सर्वेक्षण

आर्थिक समीक्षा में देश के भीतर विकास का रुझान कैसा रहा, देश के किस क्षेत्र में कितना निवेश हुआ, कृषि समेत अन्य उद्योगों का कितना विकास हुआ, योजनाओं को किस तरह अमल में लाया गया इनके बारे में विस्तार से बताया जाता है। यह संसद के दोनों सदनों में पेश किया जाता है। इससे पिछले साल की आर्थिक प्रगति का लेखा-जोखा मिलता है। साथ ही नए वित्त वर्ष में आर्थिक विकास की राह क्या होगी, इसका अनुमान भी लग जाता है। बीते वित्त वर्ष में देश की सम्पूर्ण अर्थव्यवस्था की समीक्षा के बाद वित्त मंत्रालय यह वार्षिक दस्तावेज तैयार करता है। इसे मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अपनी टीम के साथ मिलकर तैयार करते हैं।

 

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TAGS: Mid-year Economic Survey, 6.75-7.5% GDP growth target is difficult, Union finance minister Arun Jaitley, Economic Survey, Lok Sabha
OUTLOOK 11 August, 2017
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