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20 May 2015

राजन ने रोनाल्‍ड रीगन से की मोदी की तुलना

पीटीआइ

हालांकि उन्होंने यह भी माना कि इन उम्मीदों ने निवेश का माहौल तैयार करने की पहल की और नई सरकार निवेशकों की चिंता के प्रति संवेदनशील है। राजन ने मंगलवार को न्यूयार्क के इकोनॉमिक क्लब को संबोधित करने के बाद पूछे गए प्रश्नों के जवाब में कहा कि यह सरकार बेपनाह उम्मीदों के साथ सत्ता में आई और इस तरह की उम्मीदें किसी भी सरकार के लिए शायद अवास्तविक हैं। राजन ने कहा कि लोगों के दिमाग में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ऐसी छवि थी जैसे रोनाल्ड रीगन (पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति) सफेद घोड़े पर सवार होकर बाजार विरोधी ताकतों को मिटाने आ रहे हैं। जाहिर है कि ऐसी तुलना शायद उचित नहीं थी। वैसे राजन ने माना कि सरकार ने निवेश का माहौल तैयार करने के लिए पहल की है जिसे वह महत्वपूर्ण समझते हैं। उन्होंने कहा कि सरकार निवेशकों की चिंता के प्रति संवेदनशील है और आर्थिक मुद्दों से निपटने पर विचार कर रही है।

 

रिजर्व बैंक के गवर्नर, जिनके साथ मोदी सरकार के वित्त मंत्री अरुण जेटली के रिश्ते कुछ खास अच्छे नहीं माने जाते, की यह टिप्पणी इस महीने मोदी सरकार के एक साल पूरे होने के मद्देनजर आई है। सरकार पूर्ण बहुमत के साथ से आई क्योंकि जनता रोजगार, आर्थिक विकास चाहती थी और साथ ही बढ़ती महंगाई एवं भ्रष्टाचार से निजात पाना चाहती थी। विदेशी निवेशकों की चिंता को देखते हुए राजन ने कहा कि कर, कारोबारी माहौल का बड़ा हिस्सा है और सरकार ने स्पष्ट किया है कि वह पिछली तारीख से प्रभावी कराधान की प्रक्रिया नहीं लाएगी। हालांकि राजन ने यह भी कहा कि यदि कर विभाग आपको कर मांग संबंधी नोटिस भेजता है तो इस प्रक्रिया का स्वरूप अर्ध-न्यायिक होता है इसलिए इसे निपटाने के लिए अदालती प्रक्रिया से गुजरना ही पड़ता है। कोई भी सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती।

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वस्तु एवं सेवा कर के बारे में राजन ने कहा कि जीएसटी पर व्यापक सहमति है और उन्हें उम्मीद थी कि जीएसटी विधेयक हाल में समाप्त संसद सत्र में पारित हो जाएगा। उन्हें अब भी लगता है कि यह समय पर हो जाएगा और अगले साल 31 मार्च या एक अप्रैल तक लागू हो जाएगा। सरकार सारे तरीके अपना रही है ताकि यह समय पर लागू हो जाए। राजन ने कहा कि सरकार एक अन्य प्रमुख विधेयक पर ध्यान केंद्रित कर रही है और वह है भूमि अधिग्रहण विधेयक जो सार्वजनिक कार्य के लिहाज से महत्वपूर्ण है। डॉलर के मुकाबले रुपये की उठापटक पर उन्होंने कहा कि भारत में मुद्रास्फीति में तेज गिरावट आई है और रुपया इस साल की शुरुआत से अबतक लगभग एक ही स्तर पर बरकरार है। राजन ने कहा यदि आप अन्य मुद्राओं के मुकाबले रुपये में उतार-चढ़ाव पर नजर डालें तो आपको यह कहना पड़ेगा कि रुपया डॉलर के मुकाबले ज्यादा स्थिर मुद्रा है।

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TAGS: भ्रारतीय रिजर्व बैंक, रघुराम राजन, गवर्नर, नरेंद्र मोदी, मोदी सरकार, उम्मीदें, RBI, Raghuram Rajan, the governor, Narendra Modi, Modi government, hopes
OUTLOOK 20 May, 2015
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