यूएई से व्यापार की संभावनाएं तलाशी मोदी ने
इससे पहले मोदी ने यूएई के निवेशकों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में निवेश के लिए उपयुक्त अवसर मौजूद हैं। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि यूएई के कुछ निवेशकों को भारत में कुछ कठिनाइयां हुई हैं मगर उनकी सरकार इन कठिनाइयों को दूर करने में जुटी है।
यूएई के शहजादे शेख जायेद अल नयान अपने देश की सशस्त्र बलों के सर्वोच्च उपकमांडर भी हैं। द्विपक्षीय मुद्दों के अलावा दोनों नेताओं ने क्षेत्र की स्थिति, खासकर इस्लामिक स्टेट मिलिटेंट ग्रुप (आईएसआईएस) सहित विभिन्न स्रोतों से आतंकवाद और उग्रवाद के बढ़ते खतरों पर चर्चा की। अमीरात पैलेस होटल में हुई इस बातचीत के दौरान दोनों पक्षों ने दोनों देशों के बीच संबंधों को और विस्तारित करने तथा आर्थिक सहयोग को बढ़ाते हुए अनछुए असीम अवसरों का लाभ उठाने के बारे में चर्चा की। मोदी इसी होटल में ठहरे हुए हैं। वार्ता के बाद शहजादे नयान ने मोदी के सम्मान में भोज का आयोजन किया। मोदी ने स्पष्ट किया कि वह चाहते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और आपसी व्यापार में यूएई, भारत का अग्रणी साझेदार हो। मोदी 34 वर्ष बाद यूएई की यात्रा पर आने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं।
अधिकारियों के अनुसार, दोनों नेताओं के बीच बातचीत में इस बारे में गहन चर्चा हुई कि आतंकवाद की साझा चुनौतियों से निपटने के लिए सहयोग को किस तरह से बढ़ाया जा सकता है। दोनों नेताओं ने समग्र सामरिक गठजोड़ के तहत वाणिज्यिक संबंधों को और अधिक बढ़ाने के रास्तों की संभावनाएं भी तलाशी। व्यापार के मोर्चे पर भारत चाहता है कि यूएई उसे दीर्घकालिक निवेश स्थल के रूप में देखे। अबू धाबी निवेश प्राधिकरण (एडीआईए) के पास 800 अरब डालर का स्वतंत्र कोष होने के बीच भारत रियल एस्टेट, बंदरगाह विकास और रेलवे समेत आधारभूत ढांचा क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने को उत्सुक है।
इससे पहले मोदी ने यूएई के निवेशकों को आमंत्रित करते हुए कहा कि भारत में अभी एक हजार अरब डालर के निवेश की संभावनाएं हैं और सरकार इस देश के कारोबारियों की चिंताओं को दूर करने के लिए तुरंत कदम उठाएगी और पिछले 34 वषोऱ्ं की कमी को दूर करेगी। मोदी ने मसदर शहर में यूएई के शीर्ष कारोबारी नेताओं को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें बताया गया है कि यूएई के कुछ निवेशक समस्याओं का सामना कर रहे हैं और वह उन्हें आश्वासन देना चाहते हैं कि सरकार उनकी समस्याओं का समाधान करेगी। मोदी ने कहा कि यूएई के निवेशकों के लिए भारत में आधारभूत संरचना, ऊर्जा और रीयल इस्टेट क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएं हैं। मोदी ने कहा कि भारत में वृद्धि के लिए आधारभूत ढांचे के निर्माण में निवेश की जरूरत है और भारत में अभी एक हजार अरब डालर के निवेश की क्षमता है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आईएमएफ, विश्व बैंक और मूडी जैसी सभी प्रमुख वैश्विक संस्थाएं इस बात से सहमत हैं कि भारत दुनिया की सबसे तेज गति से बढ़ती अर्थव्यवस्था है और इसमें विकास की अपार क्षमताएं हैं। इससे पहले प्रधानमंत्री ने स्मार्ट मसदर सिटी देखी जहां अधिकारियों ने उन्हें इसके विभिन्न पहलुओं के बारे में बताया। मोदी ने इस दौरान चालक रहित वाहन की सवारी की जो पीआरटी का हिस्सा है। पीआरटी एक ऐसी व्यवस्था है जहां चुंबकीय पट्टी पर चालक रहित वाहन आते जाते हैं। प्रधानमंत्री यहां माइक्रो नैनो फैब्रिकेशन फैसिलिटी और माइक्रोस्कोपी लैब को भी देखने गए।