ब्रेक्जिट से भारतीय आईटी कंपनियों के लिए कुछ समय तक अनिश्चितता : नास्कॉम
आईटी उद्योगों के संगठन नास्कॉम ने शुक्रवार को यह बात कही। नास्कॉम ने कहा कि दीर्घावधि में यह कुल मिलाकर चुनौतियां तथा अवसर दोनों की स्थिति होगी, क्योंकि ब्रिटेन उसके जरिये यूरोपीय संघ के बाजारों तक पहुंच के नुकसान की भरपाई करने का प्रयास करेगा। यूरोप भारतीय आईटी-बीपीएम उद्योग के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार है। आईटी उद्योग की करीब 100 अरब डालर की निर्यात आय में यूरोप की हिस्सेदारी 30 प्रतिशत है।
इस बाजार में ब्रिटेन महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। ब्रिटेन नास्कॉम सदस्यों की यूरोप में गतिविधियों के एक बड़े हिस्से का प्रतिनिधित्व करता है। कई सदस्य यूरोपीय संघ में आगे और निवेश के लिए ब्रिटेन को गेटवे के रूप में इस्तेमाल करते हैं। नास्कॉम ने कहा कि ब्रिटिश पौंड में गिरावट से कई मौजूदा अनुबंध घाटे वाले हो जाएंगे और उन पर नए सिरे से बातचीत करने की जरूरत होगी। नास्कॉम ने कहा कि अनुबंध से बाहर निकलने या भविष्य में उसमें बने रहने के लिए होने वाली बातचीत को लेकर अनिश्चितता से बड़ी परियोजनाओं के लिए निर्णय लेने की प्रक्रिया प्रभावित होगी। भारतीय आईटी कंपनियों को यूरोपीय संघ में परिचालन के लिए अलग मुख्यालय स्थापित करने की भी जरूरत होगी। इससे ब्रिटेन से कुछ निवेश बाहर निकलेगा। साथ ही इससे यूरोपीय संघ और ब्रिटेन में कुशल श्रम की आवाजाही प्रभावित हो सकती है।