नया आईटीआर फार्म, नोटबंदी के बाद दो लाख से अधिक की जमा पर जानकारी देनी होगी
फिलहाल सहज :आईटीआर।: फार्म वेतनभोगी कर्मचारी और आईटीआर-2 ऐसे व्यक्ति और हिंदू विभाजित परिवार :एचयूएफ: भरते हैं जिनकी आय में व्यापार से प्राप्त आय शामिल नहीं होती है।
सरकार ने आईटीआर 2ए फार्म खत्म कर दिया है जिसका इस्तेमाल वे व्यक्ति तथा एचयूएफ करते थे जिनकी व्यवसाय या पेशे और पूंजी लाभ से कोई आय नहीं थी और न ही कोई विदेश में संपत्ति थी।
फिलहाल देश में 29 करोड़ लोगों के पास स्थायी खाता संख्या :पैन: है लेकिन फिलहाल केवल छह करोड़ पैनधारक आयकर रिटर्न भरते हैं। आईटीआर-। के लिये ई-फाइलिंग की सुविधा एक अप्रैल से चालू होगी और आईटीआर निर्धारित समयसीमा 31 जुलाई तक तक भरा जा सकता है।
फार्म फाइल करते समय करदाता को पैन, आधार संख्या, व्यक्तिगत सूचना और कर भुगतान के संदर्भ में सूचना भरना पड़ेगा। टीडीएस के बारे में फार्म में स्वयं जानकारी आ जाएगी।
संसद में वित्त विधेयक में संशोधन के तहत एक जुलाई के बाद करदाता के लिये आधार संख्या रसीद उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। अगर उसके पास आधार नहीं है तो उसे आईटीआर में प्राप्ति रसीद की संख्या देनी होगी जिससे यह लगे उसने आधार के लिये आवेदन किया है।
साथ ही आईटीआर 4 को अब सुगम के नाम से जाना जाएगा और आईटीआर-4एस का स्थान लेगा। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड सीबीडीटी ने कहा है कि आईटीआर-। फार्म के कालम पार्ट-ई में नोटबंदी की अवधि के दौरान जमाओं की जानकारी देनी होगी। इसमें कहा गया गया है कि क्या 9 नवंबर 2016 से 30 दिसंबर 2016 के दौरान कुल नकदी जमा दो लाख रुपये या इससे अधिक रहीं।
इसके साथ ही विभाग ने 12 अंक का आधार नंबर भी अनिवार्य कर दिया है। आधार नंबर नहीं होने पर 28 अंक का आधार नामांकन अंक देना होगा।
आईटीआर-4ए का उपयोग आईटीआर भरने में वे लोग : एचयूएफ या भागीदारी फर्म करती हैं जिनकी आय अनुमान आधारित होती हैं। भाषा