पुराने नोट रखने पर जेल नहीं, जुमार्ना लगेगा
उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास काफी अधिक करंसी उपलब्ध है, बड़े पैमाने पर करंसी बदली जा रही है और 500 रुपये के और ज्यादा नोट जारी किए जा रहे हैं। जेटली ने कहा कि बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि 19 दिसंबर तक जीवन बीमा कारोबार बढ़ा है, पेट्रोलियम उपभोग बढ़ा है और पर्यटन तथा म्युचुअल फंड्स में निवेश में भी बढ़ोतरी हुई है। डायरेक्ट टैक्सेज में 13.6 प्रतिशत की कुल बढ़ोतरी देखी गई है। पिछले साल के मुकाबले इस साल रबी फसलों की बुवाई 6.3 प्रतिशत ज्यादा हुई है।
जेटली ने कहा कि हम बेहद कृतज्ञ हैं कि भारत के लोगों ने नोटबंदी के कदम का समर्थन किया है। नोटबंदी के बड़े फायदे दिखने लगे हैं, बैंकों में कर कलेक्शन देखकर यह अंदाजा लगाया जा सकता है। आलोचकों ने जो आशंका जताई थी, उसके विपरीत सभी क्षेत्रों में अप्रत्यक्ष करों में अच्छी-खासी बढ़ोतरी हुई है। आलोचक गलत साबित हुए हैं। नोटबंदी का जीडीपी पर एक तिमाही या दो पर उल्टा असर हो सकता है, लेकिन यह उतना बुरा नहीं होगा जैसा आशंका जताई जा रही है
केंद्र सरकार ने अध्यादेश जारी कर पुराने प्रतिबंधित नोट (500, 1000 रुपये) को रखने तथा जमा कराने की सीमा तय कर दी है। इस अध्यादेश का नाम ‘द स्पेसिफाइड बैंक नोट्स सीजेशन ऑफ लायबिलिटीज ऑर्डिनेंस’ है। एक व्यक्ति 500 या 1000 रुपए के अधिकतम 10 नोट अपने पास रख सकेगा। पेनाल्टी से जुड़े मामलों पर निर्णय म्यूनिसिपल मजिस्ट्रेट स्तर का अधिकारी करेगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में अध्यादेश को मंजूरी दी गई और इस तरह के नोटों के धारकों के प्रति सरकार की जिम्मेदारी खत्म करने की बात कही गई। लोग पुराने नोट 30 दिसंबर तक बैंकों में और अगले साल 31 मार्च तक भारतीय रिजर्व बैंक में जमा कर सकते हैं। (एजेंसी)