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06 July 2017

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री ने कहा, नोटबंदी से धीमी पड़ी भारत की आर्थिक रफ्तार

File photo/Paul Krugman

नोबेल पुरस्कार विजेता अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने कहा है कि नोटबंदी से भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी पड़ी है। क्रुगमैन ने कहा है कि भारत जैसे देश की छह फीसदी की आर्थिक ग्रोथ निराशाजनक है।

भारत की आर्थिक वृद्धि दर की धीमी रफ्तार की वजह क्रुगमैन ने मोदी सरकार द्वारा अचानक लागू की गई नोटबंदी, आरबीआई की पॉलिसी और रुपये की मजबूती को बताया है।

 अर्थशास्त्री पॉल क्रुगमैन ने कहा कि भारत जैसे देश की जीडीपी ग्रोथ छह फीसदी पर ‌चिंता जताई है।क्रुगमैन ने कहा कि भारत में बड़ी कामकाजी आबादी के बावजूद ‌केवन छह फीसदी की आर्थिक वृद्धि दर मायूस करने वाली है। उनके मुताबिक भारत जैसे युवा आबादी वाले देश की आर्थिक वृद्धि दर कम से कम आठ से नौ फीसदी होनी चाहिए।

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आर्थिक वृद्धि के कमजोर रहने को लेकर क्रुगमैन ने कहा कि इसका बड़ा कारण  पिछले साल नवंबर में अचानक की गई नोटबंदी है। इससे आर्थिक वृद्धि पर नकारात्मक असर पड़ा है। इसके अतिरिक्त भारतीय रिजर्व बैंक की कड़ी मौद्रिक नीति और रुपये की मजबूती ने भी भारत के निर्यात को कमजोर करने का काम किया है।

पॉल क्रुगमैन ने कहा कि नोटबंदी की वजह से कारोबार में  कठिनाई हुई है। मौद्रिक नीति इतनी कड़ी है, जिसे आसानी से सही करार नहीं दिया जा सकता। मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि आखिर इस मौद्रिक नीति में कुछ ढील क्यों नहीं दी जा सकती।'  आरबीआई की पॉलिसी पर सवाल उठाते हुए क्रुगमैन ने कहा कि जब विकसित अर्थव्यवस्थाओं को लगता है कि बाजार कमजोर है तो वे मौद्रिक नीति में थोड़ी ढील दने की बात करने लगती हैं।

अमेरिकी अर्थशास्त्री ने कहा कि महंगाई दर के लगातार चार फीसदी से नीचे रहने के बाद भी रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने ब्याज दरों में कटौती न करने के अपने फैसले में अब तक कोई बदलाव नहीं किया है। वित्त वर्ष 2016-17 की अंतिम तिमाही में देश की जीडीपी ग्रोथ 6.1 फीसदी रही है। इस गिरावट के लिए नोटबंदी को ही जिम्मेदार ठहराया जा रहा है।

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TAGS: Paul krugman, India's slow growth rate, demonetisation
OUTLOOK 06 July, 2017
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