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22 May 2016

मन की बात में प्रधानमंत्री ने की कैशलेस समाज की पुरजोर वकालत

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आकाशवाणी पर प्रसारित मन की बात कार्यक्रम में देश को संबोधित करते हुए रविवार को प्रधानमंत्री ने कहा, हमें आधुनिक और पारदर्शी भारत बनाना है। पीएम ने कहा, हमें बहुत सी व्यवस्थाओं को भारत के एक कोने से दूसरे कोने तक समान रूप से पहुंचाना है तो हमारी पुरानी आदतों को भी थोड़ा बदलना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि हमें स्कूल में पढ़ाया जाता था कि एक जमाना था जब सिक्के और नोट नहीं थे, आदान प्रदान का प्रचलन हुआ करता था। आपको अगर सब्जी चाहिए तो बदले में इतने गेहूं दे दो, आपको नमक चाहिए तो बदले में इतनी सब्जी दे दो। आदान-प्रदान से ही कारोबार चलता था। धीरे-धीरे मुद्रा आने लगी सिक्के आने लगे, नोट आने लगे। मोदी ने कहा,लेकिन अब वक्त बदल चुका है। पूरी दुनिया कैशलेस सोसाइटी की तरफ आगे बढ़ रही है। इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी व्यवस्था द्वारा हम रुपये पा भी सकते हैं, रुपये दे भी सकते हैं। चीज खरीद भी सकते हैं, बिल चुका भी सकते हैं। इस सब में कभी बटुए की चोरी होने का तो सवाल ही नहीं उठेगा। पीएम ने कहा, शुरुआत में थोड़ी कठिन लगेगी लेकिन एक बार आदत लग जाएगी तो ये व्यवस्था सरल हो जाएगी। पीएम ने जोर देकर कहा कि इसके प्रचलन से काले धन का प्रभाव कम होता जाएगा, मैं देशवासियों से आग्रह करता हूं कि हम इसे शुरू करें। 

 

इस दिशा में सरकार द्वारा किए गए पहलों को रेखांकित करते हुए पीएम ने कहा कि हमने बैंक ऑन मोबाइल की पहल शुरू की है, डाकघर को भी बैंकिंग सेवाओं के लिए सजग किया गया है, साथ ही जन-धन, आधार और मोबाइल (जैम) का तालमेल कर व्यवस्थाएं बनाई हैं। इन व्यवस्थाओं के उपयोग से फिर हमें मुद्रा की जरूरत नहीं पड़ेगी, नोटों की जरूरत नहीं पड़ेगी, पैसे की जरूरत नहीं पड़ेगी, कारोबार अपने आप चलेगा और उससे पारदर्शिता आएगी। उन्होंने कहा कि आपने देखा होगा कि जनधन अकाउंट के साथ रूपे कार्ड दिया गया है। आने वाले दिनों में ये कार्ड क्रेडिट और डेबिट दोनों की दृष्टि से काम आने वाला है। आजकल तो एक बहुत छोटा सा उपक्रम है प्वायंट ऑफ सेल (पीओएस)। उसकी मदद से आप आधार नंबर हो, रूपये कार्ड हो तो आप किसी को भी पैसा चुकता कर सकते हैं। मोदी ने कहा कि भारत सरकार ने जो कुछ पहल की है, उसमें पीओएस महत्वपूर्ण है। दूसरा काम हमने शुरू किया है वह बैंक ऑन मोबाइल - यूनिवर्सल पेमेंट इंटरफेस बैकिंग टांजैक्शन (यूपीआई) है जो तरीके को बदल कर रख देगा। आपके मोबाइल फोन द्वारा धन का लेन-देन करना बहुत ही आसान हो जाएगा और खुशी की बात है कि एनपीसीआई और बैंक इस प्लेटफॉर्म को मोबाइल एप की मदद के जरिये पेश करने के लिए काम कर रहे हैं और अगर ये हुआ, तो शायद आपको रूपये कार्ड साथ रखने की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।

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TAGS: प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, कैशलेस समाज, अवधारणा, वकालत, पारदर्शिता, काला धन, आकाशवाणी, मन की बात, आधुनिक भारत, बैंक ऑन मोबाइल, डाकघर, बैंकिंग सेवा, जन-धन, आधार, आदान-प्रदान, कारोबार, इलेक्ट्रॉनिक प्रौद्योगिकी व्यवस्था
OUTLOOK 22 May, 2016
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