राजन गए, जाते हुए बोले आरबीआई के ‘ना’ कहने का सिलसिला बरकरार रहे
राजन ने कहा, ‘भारत को वृहद आर्थिक स्थायित्व के लिए मजबूत और स्वतंत्र रिजर्व बैंक की आवश्यकता है, जो कि सर्वाधिक महत्वपूर्ण है’। राजन ने कहा, ‘ऐसे परिवेश में जहां केन्द्रीय बैंक को समय-समय पर केन्द्र और राज्य सरकारों के शीर्ष स्तर के खिलाफ मजबूती से डटे रहना पड़ता है, मैं अपने पूर्ववर्ती गवर्नर डा. सुब्बाराव के शब्दों को याद करता हूं। जब उन्होंने कहा था कि वित्त मंत्री एक दिन यह कहेंगे कि मैं रिजर्व बैंक से अक्सर परेशान होता हूं, इतना परेशान कि मैं बाहर सैर पर जाना चाहता हूं, चाहे मुझे अकेले ही जाना पड़े। लेकिन भगवान का धन्यवाद है कि रिजर्व बैंक यहां है’।
राजधानी दिल्ली के सेंट स्टीफेंस कॉलेज में एक सभा को संबोधित करते हुए राजन ने कहा, ‘सेंट्रल बैंक का काम उतना आसान नहीं, जितना दिखता था और निश्चित रूप से यह ब्याज दरों को घटाने-बढ़ाने भर का तो बिल्कुल ही नहीं था’।
राजन ने आगे कहा कि कामकाज के बारे में फैसले लेने की स्वतंत्रता रिजर्व बैंक के लिए महत्वपूर्ण है। राजन ने व्यापक आर्थिक स्थिरता के लिए केंद्रीय बैंक के परिचालन में स्वतंत्रता की बात की। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि ‘रिजर्व बैंक को सरकार द्वारा तय एक ढांचे के तहत सदा ही वित्त मंत्रालय के परामर्श के साथ काम करना है और वह सभी बाध्यताओं से मुक्त नहीं हो सकता।