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07 August 2019

आरबीआई ने लगातार चौथी बार घटाया रेपो रेट, एसबीआइ ने ग्राहकों को दी ब्याज में राहत

File Photo

रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने लगातार चौथी बार आरबीआई ने रेपो रेट में कटौती की है। उसने मौद्रिक नीति की समीक्षा करके रेपो रेट में 0.35 फीसदी की कटौती का ऐलान किया है। आरबीआई अब बैंकों को 5.40 फीसदी पर कर्ज देगा। आरबीआइ के इस फैसले के बाद भारतीय स्टेट बैंक ने सभी अवधियों के लोन की ब्याज दर 0.15 फीसदी घटाने की घोषणा की है। एक साल की अवधि की ब्याज दर 8.25 फीसदी होगी। देश के सबसे बड़े बैंक की घोषणा के बाद दूसरे बैंक भी होम, ऑटो, एजूकेशन लोन सहित सभी तरह के कर्ज सस्ते कर सकते हैं।

अर्थव्यवस्था में सुस्ती के संकेतों के बीच रिजर्व बैंक आज बुधवार को चालू वित्त वर्ष की तीसरी द्विमासिक मौद्रिक समीक्षा में लगातार चौथी बार ब्याज दरों में 0.35 प्रतिशत की कटौती की है। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन पर पड़ेगा। इससे पहले आरबीआई ने तीन बार फरवरी, अप्रैल और जून पॉलिसी में भी रेपो रेट 0.25-0.25 फीसदी घटा चुका है। शक्तिकांत दास के गवर्नर बनने के बाद यह लगातार चौथी कटौती है। मौद्रिक नीति समिति के सभी सदस्यों ने दरें घटाने के पक्ष में वोट किया। 4 सदस्यों ने 0.35 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट किया। वहीं, 2 सदस्यों ने 0.25 फीसदी कटौती के पक्ष में वोट किया। पिछली चार पॉलिसी में रेपो रेट में एक फीसदी से ज्यादा की कटौती हो चुकी है।

 रिवर्स रेपो रेट में भी कटौती

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 आरबीआई ने पॉलिसी में रिवर्स रेपो रेट में भी बदलाव किया है। रिवर्स रेपो रेट 0.35 फीसदी घटाकर 5.15 फीसदी कर दिया गया है। हालांकि, सीआरआर में कोई बदलाव नहीं किया गया है। सीआरआर को 4 फीसदी पर बरकरार रखा गया है।

क्या होता है रेपो रेट

रेपो रेट वह दर होती है, जिस पर आरबीआई बैंकों को कर्ज देता है। दरअसल जब भी बैंकों के पास फंड की कमी होती है, तो वे इसकी भरपाई करने के लिए केंद्रीय बैंक यानी आरबीआई से कर्ज लेते हैं। आरबीआई की तरफ से दिया जाने वाला यह लोन एक फिक्स्ड रेट पर होता है। यही रेट रेपो रेट कहलाता है। इसे भारतीय रिजर्व बैंक हर दो महीने के आधार पर तय करता है।

कैसे मिलता ग्राहकों को लाभ

रेपो रेट कम होने का लाभ ग्राहकों तक पहुंचता है। बैंकों को आरबीआइ से सस्ती दर पर कर्ज मिलता है तो उनकी फंड जुटाने की लागत घटती है। इससे बैंक अपना मार्जिन सुरक्षित रखने के बाद भी कम ब्याज दर कर्ज देने की स्थिति में होते हैं। वे अपने ग्राहकों को सस्ती दर पर लोन ऑफर करते हैं। हालांकि हर बार रेपो रेट घटने पर बैंक ब्याज दर नहीं घटाते हैं, इसलिए हर बार ग्राहकों को लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में आरबीआइ बैंकों को ब्याज दर कटौती का लाभ ग्राहकों को देने के लिए आग्रह करता है और समय-समय बैंकों की फंड जुटाने की लागत तय करने के लिए बैंचमार्क में बदलाव करता है।

 

 

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TAGS: RBI, cuts Repo Rate, by 35 basis points, to 5.40%, Reverse Repo rate, 5.15%
OUTLOOK 07 August, 2019
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