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08 February 2016

किन कारोबारी घरानों को मिली कर्ज माफी, नाम बताएं: शरद यादव

जेडीयू अध्‍यक्ष शरद यादव ने ट्वीट किया, 'सरकार को कारोबारी घरानों का नाम बताना चाहिए जिनका फंसा हुआ कर्ज माफ किया गया और उनका भी जिनका एनपीए (गैर निष्पादित संपत्तियां) है और उनके इजाफे का कारण भी बताना चाहिए।'

सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने 1.14 लाख करोड़ का फंसा हुआ कर्ज बट्टे खाते में डाला है जिसमें अंतिम वित्तीय तिमाही में 53 प्रतिशत की बढोतरी हुई। रिजर्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार वित्त वर्ष 2014-15 के दौरान बैंकों ने 52,542 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले जो इससे पूर्व वित्त वर्ष की तुलना में 52.6 प्रतिशत अधिक है। मार्च 2015 में गैर निष्पादित परिसंपत्ति या फंसा कर्ज बढ़कर 2,67,065 करोड़ रुपये हो गया। 2014-15 में बैंकों ने कुल एनपीए का पाचवां हिस्सा बट्टे खाते में डाला।

सार्वजनिक क्षेत्र के 27 बैंकों ने 2013-14 में 34,409 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले जबकि 2012-13 में यह राशि 27,231 करोड़ रुपये थी। कुल मिलाकर पिछले तीन वित्त वर्षों के दौरान 1.14 लाख करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले गए। वित्त वर्ष 2014-15 में इस मामले में एसबीआई पहले स्थान पर रहा। उसने 21,313 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले। उसके बाद पंजाब नेशनल बैंक और इंडियन ओवरसीज बैंक का स्थान जिन्होंने क्रमश: 6,587 करोड़ तथा 3,131 करोड़ रुपये बट्टे खाते में डाले। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का फंसा कर्ज लगातार बढ़ा है। सितंबर 2015 में यह बढ़कर 3,00,743 करोड़ रुपये तक पहुंच गया जो मार्च 2015 में 2.67 लाख करोड़ रुपये था।

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OUTLOOK 08 February, 2016
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