ब्याज दरों में कटौती का दौर शुरू, एसबीआइ का लोन 0.05 फीसदी सस्ता, डिपॉजिट दर में भी कटौती
भारतीय रिजर्व बैंक की नई मौद्रिक नीति सामने आने के बाद ब्याज दरों में बदलाव का दौर शुरू हो गया है। देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक ने सभी अवधियों के मार्जिनल कॉस्ट बेस्ड लेंडिंग रेट (एमसीएलआर) में 0.5 फीसदी कटौती करने की घोषणा की है। जबकि उसने डिपॉजिट पर 0.10-0.50 फीसदी तक ब्याज घटाने का फैसला किया है।
नई मौद्रिक नीति से घटेगी बैंकों की फंड लागत
आरबीआइ ने गुरुवार को घोषित मौद्रिक नीति में रेपो रेट तो बरकरार रखा है लेकिन उसने एक लाख करोड़ रुपये लंबी अवधि के लिए बैंकों को कम ब्याज दर पर सुलभ कराने की पेशकश की है। इसके अलावा आरबीआइ ने होम लोन, ऑटो लोन और एमएसएमई लोन के बदले कैश रिजर्व रेशियो (सीआरआर) में भी बैंकों को राहत दी है। इससे बैंकों की फंड जुटाने की लागत में कमी आने की संभावना है।
नई ब्याज दर 10 फरवरी से लागू होगी
एसबीआइ ने आज घोषणा की है कि एमसीएलआर में कटौती 10 फरवरी से प्रभावी होगी। बैंक ने चालू वित्त वर्ष में नौवीं बार एमसीएलआर घटाने का फैसला किया है। एसबीआइ के इस कदम से एक साल का एमसीएलआर 7.90 फीसदी से घटकर 7.85 फीसदी रह गया है। अधिकांश रिटेल लोन की ब्याज दर का आधार एमसीएलआर ही होता है।
बैंक डिपॉजिट की ब्याज दरों पर चली कैंची
बैंक के एक बयान के अनुसार बैंकिंग सिस्टम में सरप्लस लिक्विडिटी को देखते हुए डिपॉजिट की ब्याज दरों में भी बदलाव किया गया है। दो करोड़ रुपये से कम के रिटेल डिपॉजिट के साथ इससे बड़ी रकम के बल्क डिपॉजिट में भी ब्याज दर घटाने का फैसला किया गया है। रिटेल डिपॉजिट की ब्याज दर विभिन्न अवधियों के लिये 0.10 से 0.50 फीसदी तक घटाने का फैसला किया गया है। बल्क डिपॉजिट के लिए ब्याज दरो में कटौती 0.25 से 0.50 फीसदी तक होगी।
लोन और सस्ता होने के आसार
बैंक ने कहा कि ब्याज दरों में यह बदलाव अभी तक फंड लागत और लिक्विडिटी को देखते हुए किया गया है। मौद्रिक नीति के फैसलों और डिपॉजिट दरों में कटौती का असर एमसीएलआर की अगली समीक्षा में दिखाई देगा।