यस बैंक में 10,000 करोड़ रुपये तक निवेश कर सकते हैंः एसबीआई चेयरमैन
भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) यस बैंक में अधिकतम 10,000 करोड़ रुपये निवेश करेगा। बैंक के चेयरमैन रजनीश कुमार ने शनिवार को यह जानकारी दी। बैंकिंग नियामक भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने शुक्रवार को यस बैंक के पुनर्गठन की योजना का ड्राफ्ट जारी किया था। इसके मुताबिक निवेशक को कम से कम 49 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी लेनी पड़ेगी, और वह पूंजी निवेश की तारीख से तीन साल तक अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकेगा। यस बैंक में निवेश को एसबीआई बोर्ड अपनी मंजूरी दे चुका है।
एसबीआई चेयरमैन ने कहा, “अगर एसबीआई अकेला निवेशक रहता है तो 49 फीसदी हिस्सेदारी के लिए 2,450 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। हमने निवेश के लिए 10,000 करोड़ रुपये की सीमा तय कर रखी है।” यस बैंक हाल के दिनों में पूंजी जुटाने के लिए संघर्ष कर रहा है। पहले यह दो अरब डॉलर जुटाना चाहता था, लेकिन निवेशक नहीं मिलने के कारण इसने इसे घटाकर 1.2 अरब डॉलर कर दिया। फिर भी इसे निवेशक नहीं मिले।
कई संभावित निवेशकों ने हमसे संपर्क कियाः एसबीआई चेयरमैन
रजनीश कुमार ने संवाददाताओं को बताया, “हमारी निवेश और लीगल टीम पुनर्गठन योजना के ड्राफ्ट का मूल्यांकन कर रही है। यह पूरा होने के बाद हम रिजर्व बैंक से संपर्क करेंगे। ड्राफ्ट योजना को देखने के बाद कई संभावित निवेशकों ने हमसे संपर्क किया है।” एसबीआई चेयरमैन ने कहा कि कोई भी फैसला लेने में शेयरधारकों के हितों की अनदेखी नहीं की जाएगी। इसका एसबीआई की बैलेंस शीट पर भी कोई असर नहीं होगा।
उन्होंने कहा, “यस बैंक में निवेश से एसबीआई के पूंजी पर्याप्तता अनुपात में बहुत मामूली असर होगा। सिद्धांत रूप में हम सभी अनुपात रेगुलेटरी सीमा से 0.5 फीसदी अधिक रखते हैं। यह हम आगे भी जारी रखेंगे। इसके लिए न तो बाजार से पूंजी जुटाने की जरूरत पड़ेगी और न ही सरकार से मदद की।”
यस बैंक में कम से कम 49 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी लेनी पड़ेगी
रिजर्व बैंक ने शुक्रवार को जो पुनर्गठन योजना का ड्राफ्ट जारी किया था, उसके मुताबिक यस बैंक में निवेश करने वाले को कम से कम 49 फीसदी इक्विटी हिस्सेदारी लेनी पड़ेगी। वह तीन साल तक अपनी हिस्सेदारी 26 फीसदी से कम नहीं कर सकेगा।
बैंक की पूंजी 5,000 करोड़ रुपये होगी
यस बैंक रिकंस्ट्रक्शन स्कीम 2020 के ड्राफ्ट के अनुसार बैंक की अधिकृत पूंजी 5,000 करोड़ रुपये होगी। इसके विरुद्ध बैंक के 2400 करोड़ शेयर होंगे। प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू दो रुपये होगी। निवेशक को दो-दो रुपये फेस वैल्यू वाले शेयर आवंटित किए जाएंगे, उनकी कीमत 10 रुपये प्रति शेयर से कम नहीं होगी। इस तरह निवेशक बैंक को आठ रुपये प्रति शेयर प्रीमियम देना होगा। आरबीआइ ने ड्राफ्ट सार्वजनिक करके 9 मार्च तक सभी पक्षों से सुझाव और टिप्पणियां आमंत्रित की हैं।
खाताधारक एक माह में 50 हजार रुपये तक ही निकाल सकेंगे
इससे पहले रिजर्व बैंक ने यस बैंक पर कई बंदिशें लगाने की घोषणा की थी। इसके मुताबिक बैंक के ग्राहक 3 अप्रैल 2020 तक अपने खाते से 50 हजार रुपये से ज्यादा रकम नहीं निकाल सकेंगे। यस बैंक के बोर्ड को अमान्य करते हुए नियामक ने एसबीआई के पूर्व डिप्टी एमडी और सीएफओ प्रशांत कुमार को प्रशासक नियुक्त किया है। उनकी उनकी अगुआई में ही यस बैंक के नए बोर्ड का गठन होगा। निवेशक इसमें अपने दो प्रतिनिधि नियुक्त कर सकता है। रिजर्व बैंक को भी अपना एक प्रतिनिधि नियुक्त करने का अधिकार होगा।