डेबिट कार्ड से शॉपिंग हो जाएगी सस्ती, रिजर्व बैंक ने किए ये बड़े बदलाव
लेनदेन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से भारतीय रिजर्व बैंक यैनी आरबीआई ने डेबिट कार्ड से ट्रांजैक्शन पर बुधवार को शुल्क में अहम बदलाव किए। समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसके तहत ऐसे कार्ड से लेनदेन के लिए अलग-अलग मर्चेंट डिस्काउंट रेट्स (MDR) तय किए गए हैं। आरबीआई की अधिसूचना के अनुसार 20 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले छोटे मर्चेंट के लिए MDR शुल्क 0.40 प्रतिशत तय किया गया है, जिसमें प्रति सौदा शुल्क की सीमा 200 रुपये रहेगी। यह शुल्क डेबिट कार्ड से ऑनलाइन या POS के जरिए लेनदेन पर लागू होगा।
वहीं, QR कोड आधारित लेनदेन में भुगतान स्वीकार करने पर शुल्क 0.30 प्रतिशत रहेगा और इसमें प्रति सौदा 200 रुपये शुल्क की सीमा होगी। अगर किसी मर्चेंट इकाई का वार्षिक कारोबार 20 लाख रुपये से ज्यादा है तो MDR 0.90 प्रतिशत होगा और इसमें प्रति लेनदेन 1,000 रुपये शुल्क की सीमा होगी। इसमें QR कोड के जरिए लेनदेन पर शुल्क 0.80 प्रतिशत व अधिकतम शुल्क राशि 1000 रुपये ही रहेगी।
बता दें कि कार्ड से पेमेंट के बदले बैंक दुकानदारों से फीस लेते हैं। इसी को एमडीआर कहा जाता है। दुकानदार यह चार्ज ग्राहकों से वसूलते हैं। रिजर्व बैंक का यह आर्डर 1 जनवरी से लागू होगा।
MDR कोई बैंक डेबिट व क्रेडिट कार्ड सेवाएं उपलब्ध करवाने के लिए मर्चेंट यानी व्यापारिक इकाई पर लगाता है। इसके तहत केंद्रीय बैंक ने कार्ड के जरिए भुगतान स्वीकार करने वाली मर्चेंट इकाइयों के नेटवर्क का दायरा बढ़ाने के उद्देश्य से शुल्क स्तरों में बदलाव किया है। इसका एक लक्ष्य बैंकों को नकदी रहित या कम नकदी वाली प्रणालियों में निवेश को प्रोत्साहित करना है।