दालों को छोड़कर खरीफ फसलों के एमएसपी में मामूली वृद्धि
नई दिल्ली। किसानों को लागत पर 50 फीसदी मुनाफा दिलाने का वादा मोदी सरकार ने इस बार भी पूरा नहीं किया है। वर्ष 2015-16 की खरीफ फसलों के लिए घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य में केंद्र सरकार ने मामूली इजाफा किया है। धान और कपास का एमएसपी सिर्फ 50 रुपये बढ़ा है, जबकि माना जा रहा था कि केंद्र सरकार किसानों की नाराजगी दूर करने के लिए बंपर बढ़ोतरी का ऐलान कर सकती है। कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने कहा है कि समर्थन मूल्य के अलावा सरकार अरहर, मूंग और उड़द पर 200 रुपये प्रति कुंतल के हिसाब से बोनस भी देगी। दालों की बढ़ती कीमतों और दलहल उत्पादन में कमी के मद्देनजर शायद सरकार ने यह कदम उठाया है लेकिन ज्यादा खरीफ फसलों के एमएसपी में बहुत थोड़ी वृद्धि की गई है।
बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में कृषि विज्ञान केंद्रों को 3900 करोड़ रुपये की मदद देने, 2022 तक सबको आवास मुहैया कराने की योजना और नए मानक ब्यूरो की स्थापना सहित कई अहम फैसले लिए गए हैं।
15 और 25 रुपये बढ़ा मक्का और बाजारा का एमएसपी
बेमौसम बारिश और सूखे के खतरे से जूझे रहे किसानों को केंद्र से कोई विशेष राहत नहीं मिली है। केंद्र सरकार ने मक्का और बाजारा के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 15 और 25 रुपये की मामूली बढ़ोतरी की है। जबकि ज्वार का एमएसपी 40 रुपये, अरहर का एमएसपी 275 रुपये, मूंग का 250 रुपये और उडद का एमएसपी 275 रुपये (200 रुपये बोनस सहित) बढ़ाया है। लेकिन सोयाबीन और सूरजमुखी जैसी तिलहन फसलों का समर्थन मूल्य सिर्फ 40 और 50 रुपये कुंतल बढ़ा है।
कैबिनेट के अन्य फैसले
2022 तक सबको आवास देने के लिए लिए नेशनल मिशन फॉर अरबन हाउसिंग को मंजूरी
स्लम सुधार कार्यक्रम के तहत हर घर के लिए एक लाख रुपये की सहायता दी जाएगी, होम लोन पर 6.5 फीसदी की ब्याज छूट
नए भारतीय मानक ब्यूरो की स्थापना को मंजूरी
वर्ष 2022 तक सोलर मिशन के तहत 20 हजार मेगावाट के लक्ष्य को बढ़ाकर एक लाख मेगा वाट किया
कैबिनेट की आर्थिक मामलों की समिति के फैसले
महाराष्ट्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 6 को चार लेन किया जाएगा।
नेशनल डेयरी मिशन में शामिल होंगे उत्तराखंड, झारखंड और छत्तीसगढ़
डेयरी मिशन 2018-19 तक जारी रहेगा।