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15 June 2015

थोक महंगाई दर बढ़ी, पर अब भी शून्य से नीचे

गौरतलब है कि पिछले साल की तुलना में खास कर ईंधन, खाद्यों तथा विनिर्मित उत्पादों की कीमतों के घटने से थोक मुद्रास्फीति लगातार सात महीने से शून्य के नीचे हैं।

पिछले साल मई में मुद्रास्फीति 6.18 प्रतिशत थी और नवंबर, 2014 से शून्य से नीचे चल रही है। मुद्रास्फीति का यह ताजा आंकड़ा इस साल मानसून की बारिश औसत से कम रहने के अनुमानों के बीच आया है। सरकार द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक मई में सब्जियों की कीमतें सालाना आधार पर 5.5 प्रतिशत कम रहीं जबकि आलू की कीमतें एक साल पहले की तुलना में 52 प्रतिशत नीचे हैं।

मई में अंडा, मांस और मछली जैसे प्रोटीन युक्त उत्पादों की थोक कीमतें इससे पिछले महीने के मुकाबले घटीं। दूध, फल, चावल और अनाजों के दामों में यही रुझान रहा। कुल मिलाकर खाद्य मुद्रास्फीति मई में 3.8 प्रतिशत रही जो इससे पिछले कुछ महीनों के मुकाबले बहुत कम है। इसी तरह मई माह में विनिर्मित खाद्य उत्पादों (चीनी, खाद्य तेल, पेय आदि) की मुद्रास्फीति 0.64 प्रतिशत घटी जो पिछले कई माह की न्यूनतम दर है।

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मई माह में ईंधन एवं ऊर्जा बास्केट सालाना आधार पर शून्य से 10.51 प्रतिशत कम रहा जो अप्रैल के मुकाबले आंशिक रूप से थोड़ा अधिक है। मई में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक आधारित खुदरा मुद्रास्फीति पिछले महीने के मुकाबले आंशिक रूप से बढ़कर 5.01 प्रतिशत रही।

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TAGS: WPI, Inflation, Milk, fruits, rice, cereals, eggs, fish, महंगाई दर, मॉनसून,
OUTLOOK 15 June, 2015
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