आरबीआई के पास होगा डिजिटल करेंसी से भुगतान का सारा डाटा; लगेगी ब्लैकमनी पर लगाम?
अगले वित्तीय वर्ष में भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) डिजिटल करेंसी जारी करेगा, जिससे न केवल डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा बल्कि खतरे और फ्रॉड को रोकने में भी मदद करेगा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने एएनआई से बात करते हुए कहा, "यदि आप किसी दुकानदार से कुछ खरीदते हैं और डिजिटल पैसे के माध्यम से भुगतान करते हैं और उस डिजिटल पैसे का इस्तेमाल दुकानदार, अपने विक्रेता को भुगतान करने के लिए करता है तो आरबीआई के पास इस लेनदेन का सारा डेटा होगा।"
अधिकारी ने बताया कि काले धन की आय आमतौर पर भूमिगत आर्थिक गतिविधियों से नकद में प्राप्त होती है और इस तरह उसपर कर नहीं लगाया जाता है, लेकिन अगर आरबीआई के पास हर डिजिटल रुपये का लेनदेन का डाटा है, तो किसी व्यक्ति के लिए करों से बचना मुश्किल होगा।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में डिजिटल रुपया पेश करने की घोषणा करते हुए कहा कि सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) की शुरुआत से डिजिटल अर्थव्यवस्था को बड़ा बढ़ावा मिलेगा। डिजिटल मुद्रा एक अधिक कुशल और सस्ती मुद्रा प्रबंधन प्रणाली को भी बढ़ावा देगी।
वित्त मंत्री ने काले धन पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय बजट 2022-23 में एक नए प्रावधान 'कर-चोरी के खिलाफ प्रतिरोध' की घोषणा की है। सीतारमण ने कहा, "वर्तमान में, तलाशी अभियान में पाई गई अघोषित आय के खिलाफ आगे लाए गए नुकसान के 'सेट ऑफ' के बारे में अस्पष्टता है।"
एएनआई को इस नए प्रावधान के बारे में बताते हुए, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के अध्यक्ष, जेबी महापात्र ने कहा, "इसे वित्त विधेयक में 79ए नामक एक नए प्रावधान के रूप में पेश किया गया है। यह मूल रूप से लोगों को अज्ञात आय को बंद करने के लिए है।"
गौरतलब है कि निर्मला सीतारमण ने सदन में बजट 2021 पेश करते हुए कहा था कि साल 2022-23 में आरबीआई ब्लॉकचेन और अन्य तकनीकों का प्रयोग करके डिजिटल करेंसी जारी करेगा। वित्त मंत्री के अनुसार जिससे आने वाले समय में भारतीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा।